भोपाल।। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी उपाय किए जाएंगे पर आर्थिक गतिविधियों पर कोई अंकुश नहीं रहेगा। गरीब व्यक्ति को रोजी-रोटी के लिए परेशान न होना पड़े और सभी वर्गों की जीविका के काम पर कोई संकट खड़ा न हो, इसका भी ध्यान रखा जाए। स्कूलों में 50 प्रतिशत क्षमता से उपस्थिति की व्यवस्था कायम रहेगी। सभी मंत्री गृह और प्रभार के जिलों में अस्पतालों में बिस्तर, आक्सीजन प्लांट, सिटी स्कैन, दवा सहित अन्य उपकरणों की उपलब्धता का जायजा लें। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में कोरोना की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान मंत्रियों को दिए।
उन्होंने कहा कि सभी मंत्री होम आइसोलेशन के लिए आवश्यकता पड़ने पर कोविड केयर सेंटर के संचालन की तैयारी भी देखें। जो लोगों जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं, उनके घर में यदि स्थान का अभाव है तो उन्हें कोविड केयर सेंटर में रखने की व्यवस्था की जाए। जनप्रतिनिधि स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा 568 मामले आने से मध्य प्रदेश में सावधानियों का पालन करना जरूरी है। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मास्क लगाने और शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य रूप से हो। 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीका लगवाने के लिए माहौल बनाया जाए।
इस दौरान बताया गया कि सोमवार को सागर में सर्वाधिक 58 हजार 803 बच्चों को टीके लगाए गए हैं। दूसरे स्थान पर छतरपुर और तीसरे पर मंदसौर रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कोरोना की स्थिति और प्रबंधन को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में मध्य प्रदेश देश में 20वें स्थान पर है। साप्ताहिक रूझान को देखें तो पिछले सप्ताह से करीब तीन गुना प्रकरण बढ़े हैं। प्रदेश में 52 प्रतिशत प्रकरण इंदौर में देखे गए हैं। भोपाल में कुल प्रकरणों में से 22 प्रतिशत, जबलपुर में पांच प्रतिशत, ग्वालियर में चार प्रतिशत और उज्जैन में तीन प्रतिशत प्रकरण देखने में आए हैं। प्रदेश में 892 मरीज होम आइसोलेशन में है। ओमिक्रान के नौ प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें सात स्वस्थ हो गए हैं। वैक्सीन का पहला डोज 95.3 और दूसरा 91.7 प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को लग चुका है।
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