टाइम फ्रेम में करें अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने दिये निर्देश
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टाइम फ्रेम में करें अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने दिये निर्देश

टाइम फ्रेम में करें अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने 
रायसेन, 18 जनवरी 2022
टाइम फ्रेम में करें अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही। इस संबंध में मध्यप्रदेश नगर पालिका (कालोनी विकास) नियम-2021 जारी कर दिये गए हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने यह निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा है कि इससे लगभग 6 हजार अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले नागरिकों को लाभमिलेगा।
श्री सिंह ने कहा है कि नियम बनाने के पहले सभी संबंधित पक्षों के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा की गई। ड्राफ्ट के संबंध में नागरिकों से आपत्ति एवं सुझाव लिये गए। इसके बाद अंतिम नगर पालिका (कालोनी विकास)  नियम-2021 प्रकाशित किये गए।
अधिकृत कालोनी के संबंध में
बाह्य विकास के संबंध में यह स्पष्ट किया गया है कि कॉलोनी के मूलभूत अधो-संरचना को नगर की जल प्रदाय, सीवरेज प्रणाली एवं ड्रेनेज प्रणाली से जोड़ने की अनुमति सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी जायेगी। इसमें होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति कॉलोनाईजर द्वारा की जायेगी। कालोनाईजर का संपूर्ण प्रदेश के लिए एक ही रजिस्ट्रीकरण मान्य किया जाना प्रस्तावित है। यह व्यवस्था ऑनलाईन की जायेगी। मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधो-संरचना विकास मण्डल, विकास प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं नगर पालिका कॉलोनाईजर के रजिस्ट्रेशन की बाध्यता से मुक्त रखे गये हैं। रजिस्ट्रीकरण के समय कालोनाईजर के पुलिस वेरिफिकेशन की आवश्यकता को समाप्त किया गया है। विभिन्न चरणों में सक्षम प्राधिकारी के निर्णय पर अपील के प्रावधान किये गये हैं। प्रस्तावित नगर विकास स्कीम के लिए विकास की अनुमति आवश्यक नहीं हैं, किन्तु अंतिम भू-खण्ड पर कॉलोनाईजेशन की अनुमति आवश्यक है। कॉलोनी के विकास के अनुमति शुल्क को युक्तियुक्तकरण करते हुए इसे तत्समय कलेक्टर गाईडलाईन मूल्य से जोड़ा गया है। कॉलोनी के विकास की अनुमति चरणवार दिये जाने संबंधी विकल्प प्रस्तावित किया गया है। कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी का विकास कार्य प्रारंभ न करने पर उसके द्वारा जमा किये गये शुल्क को लौटाये जाने संबंधी प्रावधान रखे गये हैं। कमजोर आय वर्ग के लिए आश्रय शुल्क / भू-खण्ड / इकाई उपलब्ध कराने के विकल्प में परिवर्तन किये जाने संबंधी प्रावधान रखे गये हैं। अतिरिक्त आश्रय शुल्क का युक्तियुक्तकरण करते हुए इसे तत्समय कलेक्टर गाईडलाईन मूल्य से जोड़ा गया है। कॉलोनी का विकास कार्य पूर्ण करने की समयावधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष प्रस्तावित की गई है, जिसमें एक वर्ष का नवीनीकरण किये जाने का प्रावधान भी है। विकास कार्य के समानुपात बंधक भू-खण्ड विमुक्त करने संबंधी चरणवार प्रावधान रखे गये हैं। बैंक गारण्टी का विकल्प उपरोक्त चरणों में कभी भी लिया जा सकता है। सड़कों, खुले स्थानों एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के लिए चिन्हित भूमि पर नियत उपयोग से भिन्न उपयोग किये जाने अथवा भूमि अंतरित किये जाने पर कॉलोनाईजर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर दण्ड के प्रावधान रखे गये हैं।
अनाधिकृत कॉलोनी के संबंध में
अनाधिकृत कॉलोनी के विकास, निर्माण को हटाने एवं संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करने संबंधी प्रावधान किये गये हैं। दिनांक 31 दिसम्बर 2016 तक अस्तित्व में आई अनाधिकृत कॉलोनी में नगरीय अधो-संरचना प्रदाय करने संबंधी प्रावधान किये गये हैं। अनाधिकृत कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा जल प्रदाय, सीवरेज एवं विद्युत कनेक्शन से संबंधी प्रावधानों को सरल किया गया है। अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास की प्रवृत्ति को रोकने के लिए दण्ड संबंधी प्रावधान कठोर किये गये हैं।


 

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