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जेनेवा । कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ की दस्तक के बाद संक्रमितों का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है। ओमिक्रॉन को लेकर अब तक कई सवालों के जवाब नहीं मिल सके हैं। इन्हीं में एक सवाल यह भी है कि क्या ओमिक्रॉन किसी व्यक्ति को दूसरी बार संक्रमित कर सकता है। इसका जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और एक्सपर्ट्स ने दिया है। कहा जा रहा है कि नए वेरिएंट से दोबारा संक्रमित होने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर प्रकाशित एक नोट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वेरिएंट लोगों में मौजूद पिछली इम्युनिटी से बच सकता है और पहले कोविड का शिकार हो चुके लोगों को दोबारा संक्रमित कर सकता है। इस जानकारी के बाद वैक्सीन हासिल नहीं करने वालों और लंबे समय पहले टीकाकरण करा चुके लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
बीते माह जारी नोट में डब्ल्यूएचओ ने कहा था लोग जो कोविड-19 से उबर चुके हैं, डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन से उनके संक्रमित होने की संभावनाएं 3 से 5 गुना ज्यादा हैं। हालांकि, संगठन ने यह भी कहा कि इस बात का अभी तक सबूत नहीं मिल सका है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वायरस का ज्यादातर प्रसार 20 और 30 साल के आसपास वाले युवाओं में हुआ है। ओमिक्रॉन के घातक नहीं होने का एक कारण यह भी है कि यह वेरिएंट पिछले स्वरूपों की तुलना में फेंफड़ों को आसानी से संक्रमित नहीं करता है। ऐसा ही एक अध्ययन कंसोर्टियम ऑफ जापानीज एंड अमेरिकन साइंटिस्ट्स में प्रकाशित हुआ था, जहां चूहों और हैम्स्टर पर प्रयोग किए गए थे। बेल्जियम में हैम्सटर पर हुए एक अन्य अध्ययन में भी इसी तरह के नतीजे मिले थे।
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