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भोपाल । जंगल, नदियां और झरने सभी को पसंद आते हैं। उन्हें करीब से देखने का मौका अब प्रदेश सरकार देने जा रही है। 26 जनवरी से प्रदेशभर में 125 स्थानों को ईको टूरिज्म के लिए खोला जा रहा है। इसके तहत पर्यटक जंगल में घूम सकेंगे। नदियों और झरने के पास टेंट लगाकर रात गुजार सकेंगे। वन विभाग यह काम निजी एजेंसियों को देगा। ये स्थान पीपीपी मोड के तहत एजेंसियों को दस साल की लीज पर दिए जाएंगे।
यह बात वन मंत्री विजय शाह ने कही। उन्होंने कहा कि 125 स्थानों पर एजेंसी को इसी शर्त पर काम करने की अनुमति होगी कि वे प्राकृति संस्थानों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। वहां किसी प्रकार का पक्का निर्माण नहीं किया जाएगा। होटल और रिसोर्ट का निर्माण नहीं किया जा सकेगा। वैसे उमरीखेड़ा में 400 एकड़ में नेचर एडवेंचर्स पार्क बना रहे हैं। जहां जंगल में पैदल घूमने का पर्यटक मजा ले सकेंगे। यह ट्रैक करीब पांच किमी का रखा जाएगा। औषधि, फूल, सजावटी पौधों की नर्सरी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के सामने भी संजीवनी, बांस उत्पादन और विक्रय केंद्र, जैव विविधता पार्क बनेगा। यह काम अगले छह महीने में पूरा किया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट आने वाले लोग यहां भी घूम सकें।
कार्बन क्रेडिट तहत लगाएं पौधे
शाह ने बताया कि देशभर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां इंडस्ट्री और खनन का काम किया जाना है, लेकिन पौधे लगाने के लिए वहां जगह नहीं है। ऐसी स्थिति में दूसरे शहर व प्रदेश में पौधे रोपे जाते हैं। इसके तहत मध्यप्रदेश में कार्बन क्रेडिट की दिशा में काम किया जा रहा है। अंडमान से प्रदेश सरकार को 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मिला है। इसके तहत अलग-अलग स्थानों में पौधे लगाए जाएंगे। ये काम राज्य वन विकास निगम के जरिए किया जाएगा। इसके लिए कंपनियों से प्रोजेक्ट लेकर निगम काम करेंगे और जगह-जगह पौधे रोपेंगे। वे बताते हैं कि भोपाल और जबलपुर में निगम का कार्यालय है। अब इंदौर में भी कार्यालय होगा। निगम की मदद से मालवा और निमाड़ क्षेत्र में पौधे लगाएंगे।
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