छत्तीसगढ़ की पहली फोरलेन सुरंग बस्तर के केशकाल वनक्षेत्र में बनाई जाएगी। भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे का काम इस साल शुरू हो जाएगा। इकोनामिक कॉरिडोर के तहत विकसित किए जा रहे इस एक्सप्रेस-वे पर छत्तीसगढ़ की पहली सुरंग भी होगी। फोरलेन वाली यह सुरंग केशकाल की पहाड़ियों से होकर गुजरेगी। इसके बाद ओडिशा में भी इस मार्ग पर दो और सुरंग बनाई जा रही है। रायपुर के पास अभनपुर से शुरू होकर यह एक्सप्रेस हाईवे आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सब्बावरम तक बनाई जाएगी। राजधानी रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच जगदलपुर होकर जाने से करीब सवा 6 सौ किमी की दूरी तय करनी होती है।
इस मार्ग पर केशकाल, सुनकी व सालूर घाटियों को पार करना होता है, जिससे भारी वाहनों को गुजरने में दिक्कतें आती है, सफर भी खर्चीला होता है। इसने मार्ग के बन जाने से लगभग पौने 2 सौ किमी की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) करेगा। 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6 लेन की सड़क बनेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर ओडिशा में 240 किमी और आंध्र प्रदेश में 100 किमी सड़क बनाई जाएगी। कुल 465 किमी की यह सड़क रायपुर विशाखापट्टनम इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में तीन बड़ी सुरंगों से होकर गुजरेगी।
भारतमाला परियोजना में रायपुर से विशाखापट्टनम तक होगा काम। 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6 लेन की सड़क बनेगी। इस मार्ग के बन जाने से लगभग 175 किमी की बचत होगी
तीन राज्यों से इस तरह गुजरेगा एक्सप्रेस वे
- 124.611 किमी. छत्तीसगढ़ में
- 262.211किमी. ओडिशा में
- 99.629 किमी. आंध्र प्रदेश में
19 हिस्सों में प्रोजेक्ट इसमें तीन छत्तीसगढ़ में
ग्रीन फील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के इस एक्सप्रेस-वे को 19 पैकेज में पूरा किया जाएगा जिसमें 3 छत्तीसगढ़ में, 11 पैकेज ओडिशा में और 5 पैकेज आंध्र प्रदेश में शामिल हैं। इस एक्सप्रेस वे पर ओडिशा के सुनकी घाटी में दो सुरंग भी बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई क्रमश 3.5 और 1.5 किलोमीटर की होगी। 20 हजार करोड़ के इस एक्सप्रेस-वे में ओडिशा में 240 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए की लागत 10 हजार करोड़ रुपए होगी। जबकि शेष 10 हजार करोड़ से आंध्र प्रदेश में 100 किमी और छत्तीसगढ़ में 124 किमी सड़क का निर्माण होगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद पड़ोसी राज्य भी सीधे छत्तीसगढ़ में एंट्री कर सकेंगे।
सलना-पलना के बाद ओडिशा में प्रवेश करेगा एक्सप्रेस-वे
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस चौधरी ने बताया कि दुधावा डैम के पास से होते हुए कांकेर केशकाल की पहाड़ियों से होकर यह एक्सप्रेस-वे सलना-पलना के बाद ओडिशा में प्रवेश करेगा। इसी एक्सप्रेस-वे में छत्तीसगढ़ में ढाई किलो मीटर लंबी फोरलेन की एक सुरंग भी बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ के 124 किलोमीटर हिस्से के लिए अवार्ड मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा, एक का अवार्ड भी हो चुका है। यह एक्सप्रेस वे भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है और पीएमओ से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। छग में यह एक्सप्रेस-वे 3 हिस्से में बनाया जाएगा। जिसे 2025 तक पूरा किया जाना है।
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