आज यानी मंगलवार 4 जनवरी को हमारी पृथ्वी इस साल सूर्य के सबसे करीब होगी। दोपहर 12.09 बजे पृथ्वी सूरज के नजदीक बिंदु पर होगी। यह दूरी सिमटकर 14 करोड़ 71 लाख 5 हजार 52 किमी रह जाएगी। साइंस में इस सिद्धांत को पेरिहिलियन कहते हैं।
छह महीने बाद 4 जुलाई 2022 को पृथ्वी इस साल सूर्य से सबसे दूर होगी। तब यह दूरी 15 करोड़ 20 लाख 98 हजार 4 सौ 55 किमी होगी इस सिद्धांत को एपहीलियन कहते हैं।
पृथ्वी और सूर्य के बीच दूरी से मौसम तय नहीं होते
प्लेनेटरी सोयाइटी, इंडिया के डायरेक्टर एन श्री रघुनंदन कुमार ने बताया कि लोगों को लगता है कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी से मौसम और तापमान तय होता है। यह सच नहीं है। सूर्य के चक्कर लगाते हुए पृथ्वी अपनी धुरी पर करीब 23.5 डिग्री तिरछी रहती है। इसकी वजह से मौसमों में बदलाव होता है।
झुकाव के कारण किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती है वहां गर्मी पड़ती है और जहां किरणें तिरछी पड़ती है वहां ठंड महसूस होती है। इसके साथ ही वायु दाब, रेगिस्तान से आने वाली हवाएं समेत कई कारणों से तापमान प्रभावित होता है।
उत्तरी ध्रुव में धीरे-धीरे कम होगी सर्दी
जनवरी में साल की शुरुआत में उत्तरी ध्रुव के अधिकतर देशों में सर्दी का मौसम होता है और दक्षिणी ध्रुव में गर्मी पड़ती है। इस समय पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब होती है। अब पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। जुलाई में दोनों सबसे दूरी पर होंगे।
जुलाई में जब पृथ्वी सूर्य से सबसे दूरी पर होती है, तो भारत और आसपास के देशों में गर्मी का मौसम रहता है। इससे साफ होता है कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी से मौसम नहीं बदलता, बल्कि सूर्य की परिक्रमा करते समय धरती के अपनी धुरी पर झुकाव के चलते बदलता है।
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