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छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने अपने बुजुर्गों के साथ किए गए मंहगाई भत्ता आदेश में भेंदभाव की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि मंत्रालय के वित्त विभाग के अधिकारियों को तत्काल निर्देश करें और जारी आदेश को तत्काल संशोधित करें। आगामी 3 जनवरी को मंत्रालय घेराव करेंगे और 12 जनवरी को मौलिक अधिकार रैली निकाली जाएगी। देश और प्रदेश में एक देश, एक संविधान, एक वेतनमान की मांग करने वालों ने प्रदेश के शासकीय सेवकों और सेवानिवृत्त पेंशनरों में फिर भेदभाव की नीति अपनाकर मंहगाई भत्ता आदेश जारी किया गया है। प्रदेश के शासकीय सेवकों के लंबित 1 जुलाई 2019 के 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता को देय तिथि 1 जुलाई से दिया गया।
दूसरी ओर सेवानिवृत्त पेंशनरों बुजुर्गों को 1अक्टूबर 2021 से मंहगाई भत्ता प्रदान कर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा छठवें वेतनमान के समय 32 माह के एरियर्स की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। इसी प्रकार अब 7वें वेतनमान में 27 माह का एरियर्स सरकार ने डकार लिया है। इससे प्रमाणित होता है कि वरिष्ठजनों के सम्मान, सीनियर सिटीजन की बात केवल घोषणाओं और कागजों तक सीमित है। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, पेंशनर संघ के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र नामदेव, उमेश मुदलियार, शेख जुम्मन, शालिक सिंह ठाकुर, केके उपाध्याय, चेतन भारती, प्रमोद तिवारी, प्रफुल्ल शर्मा, संतोष ठाकुर आदि ने तत्काल आदेश में संशोधन कर पेंशनरों के सम्मान की रक्षा करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। पेशननरों ने कहा यदि सरकार पेंशन राशि में बढ़ोतरी और एरियर का भुगतान नहीं करती है तो 3 जनवरी को प्रस्तावित पेंशनरों के मंत्रालय घेराव और 12 जनवरी को मौलिक अधिकार रैली में प्रदेश के पेंशनर बढ़ चढ़कर भाग लेगें।
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