मूल विज्ञान केंद्र में दो दिवसीय राष्ट्रीय गणित दिवस पर विविध प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया गया। बुधवार को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशरीलाल वर्मा ने कहा कि प्रतिभाएं अभावों में भी अवसर खोज लेती हैं। रामानुजम का जीवन हम सबको प्रेरित करता हैवे गणित के लिए समर्पित वैज्ञानिक थे। उनका चिंतन छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरक है। वहीं डा. शैलेंद्र पटेल ने दैनिक जीवन में गणित के उपयोग के अनेक उदाहरण दिए। उनका कहना था कि गणित मूल विषय हैजो सभी विषयों को परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से सहयोग करता है। कार्यक्रम में मूल विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर ने स्वागत भाषण में मूल विज्ञान के अनेक कार्योंउपलब्धियों की जानकारी को साझा करते हुए छात्रों को गणित के पहलुओं से परिचित करवाया।

दैनिक जीवन में गणित के उपयोग और अनुप्रयोग पर छात्र-छात्राओं के लिए चार प्रतियोगिताएं रखी गईं। रंगोली के माध्यम से विभिन्न कलाओं में गणित की उपयोगिता पर 14 छात्रों ने प्रतिभा दिखाई। सर्वत्र गणित को व्याख्यायित करते हुए 21 पोस्टर विभिन्ना महाविद्यालयों के छात्रों ने बनाकर प्रदर्शित किए। 21वीं सदी में गणित की प्रासंगिकता पर 28 छात्रों ने निबंध लेखन किया। व्याख्यान सत्र में केरल गणित विद्यापीठकोच्चिकेरल के संचालक प्रो. कल्याण चक्रवर्ती आभासी पटल के माध्यम से जुड़े तथा विषय पर व्याख्यान दिया। प्रयागराज उत्तर प्रदेश के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सह प्राध्यापक डा. सहदेव पाढ़ी ने मैथ मैटिक्स फार सिक्योर कम्यूनिकेशन पर विद्वतापूर्ण व्याख्यान दिया। कार्यक्रम संयोजक डा. गोविंद प्रसाद साहू ने बताया कि विभिन्ना स्पर्धा के निर्णय के रूप में शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय से डा. विभा चौबेडा. निधि देवांगनपं. श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय धरसींवाडा. अरविंद अग्रवालमानव संसाधन विकास केंद्रडा. लक्ष्मीकांतडा. भानुश्री गुप्ताडा. वीनु जोशीडा. गिरजा शंकर गौतम आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में दो सौ से अधिक छात्रों ने पंजीयन करवायाजिनमें से शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालयडा. राधाबाईनवीन कन्या महाविद्यालय और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अध्ययन शाला आदि के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।