इस्लामाबाद । कट्टरपंथ और आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान दुनिया में लगातार आलोचना का शिकार हो रहा है उसके पास अब केवल चीन का सहारा बचा था। लेकिन अब उसके दोस्त चीन के खिलाफ पाकिस्तानियों ने ही बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। चीन का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के नाम पर जाना जाता है जिसमें उसने लगभग 7 बिलियन का निवेश किया है। लेकिन अब पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर पोर्ट को लेकर पिछले 1 महीने से स्थानीय लोगों का प्रदर्शन जारी है। लेकिन अब इसके विरोध में एक जनसैलाब सड़कों पर उतर आया। पाकिस्तान के एक अखबार अनुसार ग्वादर के लोगों के अधिकारों के लिए शुरू किए गए अपने आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोगों ने ग्वादर की मुख्य सड़कों और सड़कों पर मार्च निकाला। जुलूस के प्रतिभागियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारों के साथ तख्तियां और बैनर लेकर सेरातुन-नबी चौक से अपना मार्च शुरू किया। वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
जमात-ए-इस्लामी के बलूचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान के नेतृत्व में, बंदरगाह शहर के लोगों ने 26 दिन पहले 'ग्वादर को हक दो' आंदोलन शुरू किया था। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मौलाना हिदायत ने कहा कि पुलिस और अन्य कानून-प्रवर्तन एजेंसियों ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, लोगों को ग्वादर की ओर ले जाने के लिए बसों और अन्य वाहनों को रोक दिया।
चीन की सफाई-
प्रदर्शन कथित तौर पर चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर के खिलाफ होने को चीन ने खारिज किया है। चीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया चीन के खिलाफ इस आंदोलन को बताकर प्रसारित कर रहा है जो कि फेक न्यूज़ है।