भोपाल । सबसे अधिक मंडी टैक्स प्रदेश में वसूल किया जा रहा है, जिसको लेकर दाल मिल एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर करते हुए एक ज्ञापन भी कृषि मंत्री और जल संसाधन मंत्री को सौंपा। दाल मिल से जुड़े लोगों का कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में मंडी टैक्स ज्यादा होने के कारण उन्हें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक जैसे राज्यों से कड़ा मुकाबला करना पड़ता है और इनकी दालें व्यापारियों को कुछ सस्ती पड़ती है।
मध्यप्रदेश में लगभग 700 दाल मिलें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 160 से अधिक इंदौर में स्थित है। बीते कई समय से दाल मिल से जुड़े व्यापारी अपनी समस्याओं के लिए प्रयासरत हैं, मगर शासन स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। डीजल के लगातार बढ़ते दामों के चलते ट्रांसपोर्टेशन तो महंगा है ही, वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती के अलावा टैक्स की भी मार ज्यादा है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने अभी कृषि मंत्री कमल पटेल और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट को ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मंडी टैक्स घटाने या उसमें छूट की मांग की गई, जिसके चलते कारोबार प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ व्यापारी ई-वे बिल को लेकर भड़के हैं और वाणिज्यकर आयुक्त लोकेश जाटव से भी मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया। दरअसल अभी शासन ने 30 और वस्तुओं को ई-वे बिल प्रक्रिया में शामिल कर लिया, जिसके चलते हजारों कारोबारी जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे और एक जिले से दूसरे जिले में माल भेजने पर ई-वे बिल की प्रक्रिया का सामना भी करना पड़ेगा।