बारां. राजस्थान की बारां जिला परिषद में बहुमत के बावजूद बीजेपी अपना जिला प्रमुख नहीं बना पाई. इससे आक्रोशित पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे और झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह के कार्यालय पर जमकर तोड़फोड़ की. जिला कलेक्ट्रेट परिसर से कांग्रेस के जिला प्रमुख बनने की घोषणा होते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आपा खो दिया. वे सीधे पास में मौजूद सांसद कार्यालय पहुंचे. उन्होंने पहले जोरदार नारेबाजी की, फिर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं  की इस पत्थरबाजी में कार्यालय का कांच, कुर्सियां, गमले टूट गए. कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ी में भी तोड़फोड़ की. तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही एसपी समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और लाठीचार्ज कर कार्यकर्ताओं को भगाया. यहां मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में बीजेपी नेताओं पर मिलीभगत और क्रॉस वेटिंग का आरोप लगाया. फिलहाल पुलिस ने सांसद कार्यालय पर शांति व्यवस्था कायम कर दी है. पुलिस ने तोड़फोड़ में 8 लोगों को आरोपी बनाया है. इस पूरे मामले पर अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी ने स्तब्धता जाहिर की है.

बीजेपी के पास दो जगह था बहुमत
गौरतलब है कि प्रदेश के चार जिलों में जिला प्रमुख के चुनाव होने थे. इनमें दो जगह बीजेपी के पास बहुमत था, लेकिन वह एक जगह ही जिला प्रमुख बना सकी. कांग्रेस के पास भी दो जिलों का बहुमत था लेकिन उसने जोड़तोड़ की और तीसरा जिला प्रमुख भी बना लिया. बारां में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन भाया के लिए क्रॉस वोटिंग हो गई और वे जिला प्रमुख बन गईं.  बता दें,  जिला परिषद के 25 सदस्य हैं. इनमें से बीजेपी के 13 और कांग्रेस के 12 सदस्य थे. बीजेपी के एक जिला परिषद सदस्य ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दे दिया.

बीजेपी को करौली में नहीं मिला प्रत्याशी
बता दें, राजस्थान के करौली में तो बीजेपी की बेहद नाजुक रही. यहां पार्टी के पास जिला प्रमुख बनाने के लिए प्रत्याशी ही नहीं था. इस वजह से कांग्रेस की शिमला देवी निर्विरोध जिला प्रमुख बन गईं. करौली की जिला प्रमुख की सीट एससी महिला के लिए आरक्षित थी. करौली में जिला परिषद के 27 वार्ड हैं. इनमें 15 पर कांग्रेस, बीजेपी के 7, बसपा का 1 और 4 निर्दलीय सदस्य हैं. जिला प्रमुख शिमला देवी सपोटरा इलाके से हैं. ये इलाका पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा का गढ़ माना जाता है.