भोपाल । पर्याप्त बारिश होने के बाद रबी सीजन को लेकर किसानों में उत्साह है। प्रदेश में इस समय रबी सीजन की सिंचाई के लिए धड़ल्ले से मोटर पंप चल रहे हैं, जिससे पिछले 5 दिनों में बिजली खपत भी रिकॉर्ड 15000 मेगावाट को पार कर रही है। कल प्रदेश में बिजली खपत 15427 मेगावाट 1 दिन में पहुंच गई थी, जिससे पिछले वर्ष बिजली की सर्वाधिक खपत का रिकॉर्ड पीछे छूट गया है।
मध्यप्रदेश में 21 दिसंबर को दोपहर 12.52 बजे बिजली की अधिकतम मांग का रिकॉर्ड बना। पहली बार बिजली की एक दिन की अधिकतम मांग 15427 मेगावाट दर्ज हुई। प्रदेश में पिछले पांच दिन से बिजली की अधिकतम मांग 15000 मेगावाट के ऊपर दर्ज हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 31 दिसंबर को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 15425 दर्ज हुई थी। बिजली खपत का नया रिकॉर्ड बनाने से आला अधिकारियों में खुशी का माहौल है। वहीं जमीनी अमला मांग-सप्लाई की डिमांड भी पूरी करने के लिए खेत-खलिहान से लगाकर उत्पादन इकाइयों तक लगा हुआ है। इस बार सप्लाई को लेकर किसानों के भी ज्यादा नाराज ही नहीं होने से बिजली कंपनी के अधिकारियों की परेशानी कम ही है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 5980 मेगावाट, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 5005 मेगावाट और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 4184 मेगावाट दर्ज हुई। रेलवे की मांग 259 मेगावाट रही।

बिजली की मांग पूरी करने में सरकारी बिजली कंपनियों का योगदान 24 प्रतिशत रहा

एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी का अंश- 3,699 मेगावाट
इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश-584 मेगावाट
एनटीपीसी का अंश 3,833 मेगावाट
जेपी बीना-बीएलएल का अंश 232 मेगावाट
प्राइवेट कंपनियों का अंश 2,604 मेगावाट
बिजली बैंकिंग से मिला अंश-2107 मेगावाट
रिहंद, माताटीला, राजघाट का अंश 588 मेगावाट
नवकरणीय स्रोत का अंश 1,780 मेगावाट