भिलाई । कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र में करीब पांच हजार कर्मचारी संक्रमित हुए थे। वहीं दो सौ से अधिक कर्मचारियों की मौत हो गई थी। भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्मिकों की एक कल्याणकारी संस्था स्टील इम्पलाईज वेलफेयर, एसोसिएशन (सेवा) द्वारा मृत सेवा सदस्यों के आश्रितों को चार लाख रुपये की सहयोग राशि प्रदान करने की योजना बनाई गई। सेवा के द्वारा तत्काल राशि भुगतान के लिए बीएसपी ने जून और नवंबर में ढाई-ढाई करोड़ रुपये सेवा को एडवांस में दिया।
भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत् कार्मिकों की संस्था सेवा द्वारा समय-समय पर अपने सदस्यों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ प्रदान करने का प्रयास किया जाता है। इसमें सभी कर्मचारी स्वेच्छा से सेवा के सदस्य हैं। कार्यकारिणी की अध्यक्षता मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) करती हैं। निदेशक प्रभारी द्वारा चार अन्य सदस्य जिनमें सचिव व खजांची शामिल हैं नामांकित किये जाते हैं। गैर कार्यपालक वर्ग से अलग-अलग जोन से दस सदस्य सभी सेवा सदस्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सदस्यों के द्वारा दिए गए मासिक सहयोग राशि व विशेष परिस्थितियों जैसे सामान्य या दुर्घटनाजन्य मृत्यु पर अतिरिक्त सहयोग राशि (पांच रुपये प्रति मृत्यु प्रति सदस्य की दर से बाकी सेवा सदस्यों के वेतन से काट कर) मृत सेवा सदस्य के आश्रितों (सीपीएफ नामिनी) को डेढ़ लाख रुपये की राशि दी जाती है।
संस्था के सदस्यों द्वारा प्राप्त मूल मासिक सहयोग राशि उन्हें संयंत्र से सेवा पृथक्करण के समय पूर्णतया वापस कर दी जाती है। लंबे समय से अस्वस्थ रहे सेवा सदस्यों को उनके सभी अवकाश समाप्त होने पर दीर्घकालिक अस्वस्थता लाभ के रूप में प्रतिमाह 6250 रूपये सहयोग राशि के रूप में प्रदान की जाती है।
सेवा के पास जो उपलब्ध बची हुई राशि होती है उसे सभी आवश्यक भुगतान, जिसमें चिकित्सकीय कारणों से अयोग्य घोषित किये जाने पर सेवा सदस्य को चालीस हजार रुपये का भुगतान भी किया जाता है। बाकी राशि को बैंक में एफडी के माध्यम से सुरक्षित रखा जाता है। ताकि उस पर प्राप्त ब्याज का लाभ सदस्यों को दिए जाने वाले विभिन्ना भुगतानों में लिया जा सके। कोरोना से मृत सदस्यों के आश्रितों को तुरंत भुगतान करने बीएसपी प्रबंधन से दो बार इस वर्ष जून तथा नवंबर में ढाई-ढाई करोड़ रुपये एडवांस के रूप में सेवा द्वारा प्राप्त की गई। ताकि एक साथ ज्यादा प्रकरणों का निपटारा किया जा सके। सदस्यों से प्राप्त सहयोग राशि से बीएसपी द्वारा प्रदत्त एडवांस को तीन किश्तों में वसूल किया जाता है। इस तरह सेवा ने अपने आतंरिक संसाधनों, सदस्यों द्वारा प्रदत्त अतिरिक्त सहयोग राशि एवं बीएसपी प्रबंधन द्वारा एडवांस के माध्यम से अपने सदस्यों के आश्रितों की सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। सेवा जैसी संस्था सेल के किसी अन्य संयंत्र, यूनिट में नहीं है।
वर्ष 2018 में सेवा कार्यकारिणी द्वारा दो रुपये प्रति मृत्यु प्रति सदस्य की दर से सेवा सदस्यों के वेतन से काटने का निर्णय लिया गया था, जिसे वर्ष 2020 में बढ़ाकर पांच रुपये कर दिया गया ताकि सेवा के पास उपलब्ध राशि को नियमित कल्याणकारी योजनाओं के लिए संरक्षित रखा जा सके। कोरोना प्रथम चरण में जब कुछ सेवा सदस्यों की मृत्यु हो गई तो कार्यकारिणी द्वारा ऐसे सदस्यों के आश्रितों के लिए सहयोग राशि को सामान्य, दुर्घटनाजन्य मृत्यु के प्रकरणों में प्रदान किये जाने वाले राशि को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का निर्णय लिया था। कोरोना के दूसरे चरण में जब मृत सेवा सदस्यों की संख्या 200 से ज्यादा हो गई तो सेवा कार्यकारिणी ने सहयोग राशि को बीस रुपये प्रति मृत्यु प्रति सेवा सदस्यों से काटे जाने की अनुशंसा की। उल्लेखनीय है कि उक्त काटी जाने वाली राशि बड़ी थी इसलिए इसे 450 रुपये के मासिक किश्तों में सेवा सदस्यों के वेतन से काटा जा रहा है। यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा कार्यपालक निदेशक (कार्मिक व प्रशासन) से अनुरोध किया गया था कि प्रशिक्षुओं के वेतन से कम राशि काटी जाये। अतः प्रशिक्षुओं के वेतन से काटी जाने वाली मासिक किश्त की राशि को 360 रुपये नियत की गयी है।
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