भोपाल । एम्स दिल्ली और सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय चिकित्सालय के चिकित्सा दल द्वारा संयुक्त रूप से राब (रेपिड एसेसमेंट ऑफ अवाइडेबल ब्लाइंडनेस) सर्वेक्षण किया जा रहा है । सर्वेक्षण अंधत्व उन्मूलन के क्षेत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाईडलाइन्स और मापदण्डों के अनुसार किया जायेगा।

यह सर्वेक्षण एक अन्तर्राष्ट्रीय एन.जी.ओ. सी.बी.एम. के वित्त पोषण से किया जा रहा है । नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर की अनुमति से किया जा रहा। यह सर्वेक्षण होषंगाबाद, इटारसी, सिवनी मालवा और बाबई क्लस्टर्स में संचालित होगा । सर्वेक्षण के पहले दिन होशंगाबाद शहर के 300 लोगों से सम्पर्क किया गया, उनमें से 15 लोग पहले ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवा चुके हैं । जिनके ऑपरेशन हुए हैं उनमें से 14 के ऑपरेशन सेवा सदन में हुए हैं और वे सभी दृष्टि गुणवत्ता से संतुष्ट हैं ।
दृष्टि दोष से पीड़ित 3 हज़ार लोगों से होगा संपर्क

सर्वेक्षण में दृष्टि दोषों से पीड़ित जिले के तीन हजार लोगों से सम्पर्क कर जानकारियां संकलित की जायेगी तथा नेत्र रोग पीड़ित लोगों को उपचार के लिये यथोचित नेत्र चिकित्सा केन्द्रों को रेफर किया जायेगा । राब सर्वेक्षण एम्स दिल्ली के नेत्र रोग चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. प्रवीण वषिष्ठ, डॉ. सुमित ग्रोवर, डॉ. शौविक मन्ना तथा सेवा सदन की डॉ. सोनल गोरे और 20 पैरामेडिकल कर्मचारियों की टीम द्वारा किया जा रहा है । यह सर्वेक्षण अंधत्व नियंत्रण के राज्य कार्यक्रम अधिकारी हेमन्त सिन्हा के समन्वय में होशंगाबाद के सी.एम.एच.ओ. डॉ. प्रदीप मोजेस के सहयोग से किया जा रहा है । सर्वेक्षण में 50 वर्ष और अधिक आयु समूह के दृष्टि दोष से पीड़ित लोगों को सम्मिलित किया जायेगा ।