नई दिल्ली. मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) के भाजपा (BJP) में शामिल होने के बाद, पार्टी अब अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly Elections) से पहले राज्य के प्रमुख सिख चेहरों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को कुछ और प्रमुख सिख चेहरे पार्टी में शामिल हुए, जिनमें पूर्व पुलिस महानिदेशक सरबदीप सिंह विर्क, पंजाब सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह जीरा, उद्योगपति हरचरण सिंह रनौता और शिअद के पूर्व नेता सरबजीत सिंह मक्कड़ (SAD leader Sarabjit Singh Makkar) शामिल हैं.सिख समुदाय (Sikh Community) के साथ अपने जुड़ाव को फिर से हासिल करने के लिए भाजपा का टिकाऊ कदम न केवल कांग्रेस (Congress) के लिए, बल्कि पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है. भाजपा की यह रणनीति पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) की उस आधिकारिक घोषणा के बीच आई है कि वह अपनी लोक इंसाफ कांग्रेस (Lok Insaaf Congress) शुरू करने के बाद भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. भाजपा को यह भी विश्वास है कि हालांकि किसानों ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के बावजूद अभी तक अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है, लेकिन वे अंततः घर लौट आएंगे.

आंदोलनरत सिख समुदाय और किसानों को जीतने की कोशिश में भाजपा
हाल के दिनों में, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सिख समुदाय को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं, चाहे वह करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलना हो या कृषि कानूनों को निरस्त करना. सिरसा और कैप्टन के साथ भाजपा आंदोलनरत सिख समुदाय और किसानों को वापस जीतने की उम्मीद कर रही है. पंजाब में गठबंधन सरकार के दौरान पिछले एक दशक में भाजपा ने शिरोमणि अकाली दल के लिए दूसरे सहायक की भूमिका निभाई है. यह पहली बार है जब पार्टी राज्य में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

कृषि कानूनों को निरस्त करने का फायदा भाजपा के साथ अमरिंदर सिंह को भी
पंजाब के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “सिरसा को शामिल करना अभी शुरुआत है. हमारा राज्य और केंद्रीय पार्टी नेतृत्व राज्य भर के कई अन्य प्रमुख नागरिकों के संपर्क में है, जिसमें मनोरंजन क्षेत्र के सम्मानित लोग भी शामिल हैं.” नेता ने कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने का फायदा भाजपा के साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी मिला है, जो अपनी राष्ट्रवादी छवि के लिए हिंदुओं में भी सम्मानित व्यक्ति हैं.

जनाधार वाले उम्मीदवारों पर भी भाजपा की नजर
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा, “पार्टी न केवल लोकप्रिय चेहरों को मैदान में उतारने पर विचार करेगी, बल्कि जनाधार वाले उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारेगी.” उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों का चयन करते समय उस क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को भी विश्वास में लिया जाएगा और उनकी राय ली जाएगी.