नई दिल्ली । लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने लखीमपुर खीरी मामले पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को निलंबित करने की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या को दुर्घटना बताया। साथ ही उन्होंने कहा हम उन्हें नहीं बख्शेंगे। आज नहीं तो कल जेल भेजा जाएगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला। विपक्षी दलों के नेताओं एवं सांसदों ने यहां संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने से मार्च शुरू किया और विजय चौक तक गए।
मार्च में राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, शिवसेना के संजय राउत और कई अन्य नेता शामिल थे। मार्च के बाद राहुल गांधी ने विजय चौक पर संवाददाताओं से कहा एक बार फिर विपक्षी दल अजय मिश्रा का मामला उठा रहे हैं। हमने बार-बार कहा है कि एक मंत्री के बेटे ने किसानों को मारा है, जीप से कुचला है। रिपोर्ट आई है कि यह एक साजिश थी। प्रधानमंत्री अपने इस मंत्री के बारे में कुछ नहीं कहते हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया कि एक तरफ प्रधानमंत्री किसानों से माफी मांगते हैं तो दूसरी तरफ अपने मंत्रिपरिषद से किसानों के हत्यारे को नहीं हटाते हैं। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा किसानों और आम जनता के खिलाफ जो किया जा रहा है, उसको हम स्वीकार नहीं करेंगे।
द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा अजय मिश्रा को बर्खास्त किए जाने तक विपक्ष की लड़ाई जारी रहेगी। शिवसेना के संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा संसद का यह सत्र भले ही खत्म हो जाए, लेकिन लखीमपुर खीरी की लड़ाई चलती रहेगी। पूरे विश्व ने देखा कि मंत्री के पुत्र ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया, लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने नहीं देखा। उन्होंने कहा मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
विपक्षी दल पिछले कई दिनों से यह मांग कर रहे हैं कि अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए और लखीमपुर खीरी मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से अदालत में दिए गए आवेदन पर सदन में चर्चा कराई जाए। मार्च निकालने वाले कई विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि 12 सांसदों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए। उनका दावा है कि इन सांसदों का निलंबन असंवैधानिक है। गत 29 नवंबर को निलंबन के बाद से सांसद यहां संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक धरना जारी रहेगा।