जोधपुर. राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) कैसे किसी निर्दोष व्यक्ति को अपने शिकंजे में कसकर अपराधी बनाकर जेल (Jail) भेज देती है ? इस खेल का खुलासा खुद पुलिस विभाग ने अपनी जांच में किया है. जोधपुर जिले में हुये इस पुलिसिया खेल का खुलासा होने के बाद राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग (Rajasthan State Human Rights Commission) ने भी इस केस में बड़ा और अहम फैसला सुनाया है. आयोग ने अपने फैसले में पीड़ित को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिये हैं. आयोग ने कहा कि सरकार चाहे तो मुआवजे की यह राशि दोषी पुलिसकर्मियों से वसूल सकती है. वहीं आयोग ने यह भी कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को आगामी पांच तक किसी भी थाने में तैनात नहीं किया जाये.

जानकारी के अनुसार जोधपुर के जांबा क्षेत्र में रहने वाले 70 वर्षीय भाकरराम के होश उस समय उड़ गए जब मई 2012 को पुलिस उनके घर पर पहुंची. वे समझ नहीं पाए कि आखिर पुलिस उनके घर पर क्यों आई है? देखते ही देखते पुलिस वाले अपने हाथ से 3 किलो अफीम का दूध उनके सामने रख कर बोले कि आपके घर से यह अफीम का दूध बरामद हुआ है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. भाकरराम के खिलाफ एनडीपीएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया.