भोपाल । राज्य के पांच लाख से अधिक पेंशनर्स एरियर को लेकर परेशान हैं। इसका प्रमुख कारण 31 प्रतिशत एरियर अटकना है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि छठवीं अनुसूचित की धारा 49 है। जिसकी आड़ में महंगाई राहत और एरियर को लेकर मामला अटकता रहता है। मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि पेंशनर्स को तुरंत आर्थिक लाभ दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि छठवें वेतनमान का 32 प्रतिशत और सातवें वेतनमान का 27 प्रतिशत एरियर का भुगतान दोनों राज्यों की आपसी सहमति के नाम नहीं दिया गया। कोर्ट ने पेशनर्स के पक्ष में फैसला दिया तो सरकार ने पुर्नविचार याचिका लगा दी।
एसोसिएशन का आरोप है कि राज्य विभाजन की धारा 49 की गलत व्याख्या कर आपसी सहमति के नाम पर महंगाई राहत, छठवें व सातवें वेतनमान के एरियर्स से पेंशनर्स को वंचित किया गया है। जबकि धारा 49 में इस मामले में दोनों राज्य सरकारों की आपसी सहमति की कोई शर्त नहीं रखी गई है। उसमें केवल धारा 49 के प्रावधान के अनुसार एक नवम्बर 2001 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को देय पेंशन की धनराशि का विभाजन जनसंख्या के अनुपत अनुसार मध्यप्रदेश के लिए 74 व छत्तीसगढ़ के लिए 26 प्रतिशत के अनुसार किए जाने की बात कही गई है। साथ ही उक्त राशि का केवल बुक समायोजन भर किया जाता है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि धारा 49 के नाम पर रोकी गई केन्द्र के समान 31 प्रतिशत महंगाई राहत केन्द्रीय तिथि से देते हुए दोनों वेतनमानों के एरियर्स राशि का भुगतान अविलम्ब किया जाए