काशी विश्वनाथ धाम कारीडोर (Kashi Vishwanath corridor) का लोकापर्ण के अवसर पर काशी के धार्मिक महत्व को बताना जरूरी हो जाता है। यहां स्थित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में तो सभी जानते हैं, मगर बहुत कम लोगों को पता है कि काशी में ही सोमनाथ से लेकर केदारनाथ, बैजनाथ से लेकर मल्लिकार्जुन महादेव के मंदिर भी स्थापित हैं।

मान्यता है कि भगवान शिव ने अपने उन भक्तों के लिए यहां 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन दिया जो अलग-अलग स्थानों पर जाकर दर्शन करने में असमर्थ हैं।

33 करोड़ देवी-देवताओं का है वास
महादेव ने इस नगरी को अखिल ब्रह्मांड के रूप में बसाया है। यहां 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। काशी एक मात्र ऐसी नगरी है, जहां नौ गौरी देवी, नौ दुर्गा, अष्ट भैरव, 56 विनायक और 12 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं। भगवान शिव यहां 12 ज्योतिर्लिंगों के रूप में स्वयंभू और गणेश के हाथों स्थापित हुए। इन मंदिरों का इतिहास इतना प्राचीन है कि वर्णित रूप से मिलना मुश्किल है।

जानिए कहां स्थापित हैं ये मंदिर
1- सोमनाथ , यह मन्दिर (मकान न., डी16/34 मान मन्दिर घाट पर स्थित है)
2- मल्लिकार्जुन, यह मन्दिर (मकान न., सी59/65 सिगरा पर स्थित है)
3- महाकालेश्वर - यह मन्दिर (मकान न., 52/3 दारानगर में स्थित है)
4- केदारेश्वर- यह मन्दिर (केदार घाट पर स्थित है)
5- भीमा शंकर- यह मन्दिर ( मकान न., सीके 32/12 नेपाली खपड़ा चौक पर स्थित है)
6- विशेश्वर- यह मन्दिर (रेड जोन विश्वनाथ गली में स्थित है)
7- त्रयम्बकेश्वर- यह मन्दिर (बांस फाटक (हौज कटोरा) स्थित है)
8- बैधनाथ धाम- यह मन्दिर ( मकान न., 37/1 बैजनत्था में स्थित है)
9- नागेश्वर- यह मन्दिर ( पठानी टोला में स्थित है)
10- रामेश्वरम्- यह मन्दिर (रामकुण्ड के तट पर स्थित है)
11- घुश्मेश्वर- यह मन्दिर (मकान न., बी31/126 कामख्या देवी मन्दिर में कमच्छा स्थित है)
12- ओमकारेश्वर- यह मन्दिर ( मकान न., सीके 1/21 पठानी टोला में स्थित है)