नई दिल्ली । उपचुनाव के लिए मतगणना जारी रहने के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार को एक बार फिर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसों को यह याद दिलाया है कि कोरोना महामारी के बीच जीत का जश्न न मनाया जाए। चुनाव आयोग के सीनियर प्रिंसिपल सेक्रटरी की ओर से इस संबंध में 14 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसरों को चिट्ठी जारी की गई है। चिट्ठी में राज्यों को बताया गया है कि जीत के जश्न पर रोक संबंधी अप्रैल में जारी किए गए निर्देश इस उपचुनाव पर भी लागू हैं। 27 अप्रैल के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि मतगणना के बाद जीतने वाले प्रत्याशी किसी तरह का विजय जुलूस न निकाले और साथ ही प्रत्याशी जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास दो से ज्यादा लोगों को साथ न ले जाएं। चुनाव आयोग की ओर से यह नोटिस मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव को भेजा गया है, जहां 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव की मतगणना आज हो रही है। बता दें कि चुनाव आयोग की तरफ से यह निर्देश अप्रैल में जारी किए गए थे, जब कोरोना की दूसरी लहर ने देश में कहर बरपाना शुरू कर दिया था। उस समय देश के पांच राज्य असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और केरल में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस समय मद्रास हाईकोर्ट की ओर से फटकार के बाद चुनाव आयोग ने विजय जुलूस पर बैन लगा दिया था। चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को विधानसभा चुनावों की घोषणा की थी और तबसे लेकर अप्रैल महीने के दौरान पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण करीब 80 गुणा बढ़ गया था। इसके बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चुनावी भीड़ को इसका सबसे बड़ा कारण बताया था।