नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में शुरू हुए दीपोत्सव के पांचवें साल रामपैड़ी पर एक साथ साढ़े सात लाख दीयों को जलाकर अपने ही विश्व रिकार्ड को तोड़ने और नया कीर्तिमान बनाने के लिए अयोध्या ने कमर कस ली है। इसके लिए अवध विश्वविद्यालय की पूरी टीम दो दिन से कड़ी मेहनत कर रही है। रामपैड़ी के 32 घाटों पर मंगलवार को निर्धारित संख्या में नौ लाख दीये को विधिपूर्वक बिछाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। दीपोत्सव का मुख्य पर्व हनुमान जयंती पर बुधवार को मनाया जाएगा। दीपोत्सव के मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी होंगे। इस मौके पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत केन्या, वियतनाम व ट्रिनिडाड-टुबैगो के राजनयिक भी मौजूद रहेंगे। अयोध्या के पांचवें दीपोत्सव में भाग लेने के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर दो बजे के करीब यहां पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री सबसे पहले रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद रामकथा पार्क में शोभायात्रा की अगवानी करेंगे। इसी कड़ी में रामकथा पार्क के हेलीपैड पर पुष्पक विमान से भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व मां सीता के स्वरूपों का अवतरण होगा। यहां पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी आरती उतारकर अगवानी करेंगे। इसी कड़ी में रामकथा पार्क के मुख्य मंच पर राज्याभिषेक कार्यक्रम होगा। इसके बाद शिलान्यास और लोकार्पण समारोह आयोजित होगा। मुख्यमंत्री तीन साहित्यकारों की भगवान राम से जुड़ी पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इसके बाद सरयू मां की आरती उतारेंगे। सरयू आरती के बाद राम की पैड़ी पहुंचकर दीप जलाकर दीपोत्सव का अनावरण करेंगे। विश्व रिकार्ड की घोषणा के बाद लेजर शो आयोजित होगा। यहां से मुख्यमंत्री फिर रामकथा पार्क आएंगे और श्रीलंका की रामलीला का अवलोकन करेंगे। पिछले वर्ष के दीपोत्सव में छह लाख छह हजार दीये प्रज्ज्वलित किए गए थे। इस वर्ष सात लाख 51 हजार दीये प्रज्जवलित किए जाएंगे।  अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने 12 हजार स्वयंसेवकों के सहयोग से घाट समन्वयक एवं प्रभारी के दिशा-निर्देशन में दूसरे दिन मंगलवार को निश्चित पैटर्न पर दीए बिछाने का कार्य पूरा कर लिया। इन दीयों में बुधवार को ही तेल डालने और जलाने का काम होगा इस बार के दीपोत्सव में 32 घाटों पर लगभग दो सौ समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक एवं 32 प्रभारी नियुक्त किए है। दीपोत्सव में प्रत्येक स्वयंसेवक को लगभग 75 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है। पूर्वाह्न नौ बजे से घाटों पर वालंटियर अपने घाटों पर मुस्तैद रहे और सुनिश्चित पैटर्न पर दीए लगाने का कार्य शुरू कर दिया।