भोपाल । देवउठनी ग्यारस से शुरू हो रहे वैवाहिक सीजन की ग्राहकी उफान पर है। शहरी और ग्रामीण ग्राहकों से दुकानें भर रही हैं। जितनी शादियां शहरी क्षेत्र में हैं, उतनी ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी होगी। कोरोना संक्रमण के बीच शादियों के तीन सीजन पिट जाने के बाद अब इस सीजन में बाजार उठने की उम्मीद कारोबारियों को है। हालांकि शादियों पर गाइड लाइन और महंगाई का असर दिखाई दे रहा है। लोग शादियां तो करेंगे, लेकिन मेहमानों की संख्या सीमित होगी। केटरिंग, होटल, गार्डन बुक कराने वाले यह शर्त भी रख रहे हैं कि यदि कोरोना फैलता है और नई गाइड लाइन आती है तो उसके अनुसार ही सर्विस देना पड़ेगी। 2020 में मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन से अप्रैल-मई का वैवाहिक सीजन, नवंबर-दिसंबर का सीजन और फिर 2021 का अप्रैल-मई का सीजन बुरी तरह पिट गया। केवल जरूरी शादियां ही हो पाईं। वह भी कम मेहमानों की मौजूदगी में रस्म अदायगी जैसी। इससे बाजारों में सन्नाटे जैसा माहौल ही रहा। इस साल दिवाली पर हुई अच्छी ग्राहकी से बाजारों की रौनक लौटी है। दिवाली के साथ लग्नसरा की खरीदी का दौर भी शुरू हो गया है। कोरोना काबू होने से मेहमानों की संख्या भी सरकार ने बढ़ाकर 300 कर दी है। इससे शादी के लिए तैयार लोगों ने तुरत-फुरत होटल, गार्डन, धर्मशालाएं बुक करा लीं। बाजारों में भी खरीदी का दौर शुरू हो गया। शहरी क्षेत्र से ज्यादा उत्साह ग्रामीण क्षेत्र की ग्राहकी का है। इस बार सोयाबीन की फसल अच्छी आने से किसानों के पास पैसा है। इससे व्यापारियों को लग रहा है कि नवंबर से शुरू हुआ वैवाहिक सीजन अब थमेगा नहीं।

10 जून के पहले तक शादियों के कई मुहूर्त
15 नवंबर से शुरू हो रहे वैवाहिक मुहूर्तों में नवंबर और दिसंबर में कम जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल की बुकिंग ज्यादा आ रही है। कारोबारियों के अनुसार नवंबर-दिसंबर में कम मुहूर्त हैं। जनवरी से अप्रैल-मई तक शादियों के मुहूर्त निकलेंगे। 10 जून 2022 को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास लगने तक शादियां होंगी।

गाइड लाइन के आधार पर सर्विस की शर्त
कोरोना संक्रमण के बाद आए इस वैवाहिक सीजन में नए ट्रेंड भी दिखाई दे रहे हैं। बुकिंग में जहां ग्राहक नई गाइड लाइन के आधार पर सर्विस की शर्त रख रहे हैं तो कुछ केटरिंग, होटल, गार्डन, बैंड-बाजा वाले भी केवल टोकन राशि लेकर बुकिंग कर रहे हैं ताकि यदि लॉकडाउन की स्थिति बनती है तो उन पर राशि वापसी का दबाव नहीं रहे। कोरोना काबू होने से अनुमान था कि बड़ी शादियां होंगी, लेकिन ऐसा दिखाई नहीं दे रहा। जिन घरों में पहले हजार से दो हजार मेहमानों वाली शादियां हुई हैं, वे भी अब चार सौ-पांच सौ मेहमानों की शादियां करेंगे। इसका कारण कुछ महंगाई है तो कुछ भीड़ नहीं जुटाने व गाइड लाइन का पालन करना भी बता रहे हैं। शादी के लिए 300 मेहमानों की छूट है।

दूल्हे का सूट व दुल्हन की साड़ी महंगी
ग्राहकी है, लेकिन महंगाई का असर भी ग्राहकों पर दिखाई दे रहा है। केटरिंग, कपड़े, दहेज, बैंड-बाजा सब कुछ महंगा हो रहा है। दूल्हे का 2000 रुपए का सूट अब 2500 रुपए तक मिलेगा। दुल्हन की साड़ी भी 20 फीसदी महंगी हो गई है। हालांकि पुराने स्टॉक वाले व्यापारी पुराने दाम लेकर स्टॉक खाली कर रहे हैं। अभी दुकानों में पुराना स्टॉक पुराने दाम पर ही बेचा जा रहा है, नया माल 10 से 20 फीसदी महंगा होगा।

रिसेप्शन- पहले की तुलना में महंगा
रिसेप्शन में डेढ़ साल पहले तक प्रति प्लेट 400 रुपए दर थी। अब 600 रुपए तक चुकाने होंगे। केटरिंग संचालकों के अनुसार राशन, तेल, मसाले, सूखा मेवा, सब्जी सहित भोजन में लगने वाली सामग्री सब कुछ महंगा है। एक बड़ा कारण कम मेहमानों की शादी हैं। जब ज्यादा संख्या होती है तो प्रति प्लेट दाम कम होते हैं।

बैंड-बाजा- अच्छे दिनों की उम्मीद
बैंड-बाजा संचालकों को नवंबर-दिसंबर में ज्यादा बुकिंग नहीं मिल रही। 15 जनवरी के बाद ज्यादा शादियां हैं। बैंड संचालक बताते हैं पिछले तीन सीजन पिट गए। संचालक, कलाकार सब हलाकान हैं। जैसे तैसे वक्त गुजारा है। अब लग रहा है पुराने दिन लौटेंगे। इसलिए रेट में बढ़ोतरी नहीं कर रहे। जनवरी-फरवरी में ज्यादा मुहूर्त हैं।