लंदन । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है, कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई,इसके बाद यह दुनिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्र बन गया, जहां कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर में वृद्धि हुई।संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि पुष्टि किए गए संक्रमण के मामलों में वैश्विक स्तर पर छह प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो अमेरिका, यूरोप और एशिया में वृद्धि के कारण हुई है।विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण अभियान को और तेज करने की जरूरत है, वहीं कोरोना प्रोटोकॉल भी अपनाना होगा।
मंगलवार को महामारी पर अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप के अलावा अन्य सभी क्षेत्रों में कोविड​​-19 से होने वाली मौत की दर स्थिर रही या उसमें गिरावट आई। पिछले सप्ताह दुनिया भर में संक्रमण से कुल 50,000 लोगों की मौत हुई।वहीं संक्रमण के 33 लाख नए मामलों में से 21 लाख मामले यूरोप से आए।यह लगातार सातवां सप्ताह था जब 61 देशों में कोविड​​-19 के मामलों में निरंतर वृद्धि हुई।पश्चिमी यूरोप में लगभग 60 प्रतिशत लोग कोविड-19 रोधी टीकों की सभी खुराक ले चुके हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप महाद्वीप के पूर्वी हिस्से में लगभग आधे लोगों को ही टीका लगाया गया है, जहां अधिकारी टीकाकरण से जुड़ी हिचकिचाहट को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जुलाई से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में संक्रमण कम हो रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप के भीतर सबसे अधिक नए मामले रूस, जर्मनी और ब्रिटेन से आए है।साथ ही रेखांकित किया कि नॉर्वे में मौतों में 67 प्रतिशत और स्लोवाकिया में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।पूर्व में डब्ल्यूएचओ ने यूरोप को महामारी के ‘केंद्र’ के रूप में वर्णित कर आगाह किया था कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो जनवरी तक संक्रमण से 5,00,000 और मौतें हो सकती हैं।यूरोपिय यूनियन के कुछ देशों में कोविड-19 के बढ़ते केसों की वजह से लॉकडाउन की आशंका बढ़ने लगी है। इन देशों में स्थानीय सरकारें क्रिसमस तक फिर से लॉकडाउन लगाने के विकल्प पर विचार कर रही है।साथ ही इस बात पर बहस हो रही है कि क्या सिर्फ अकेले वैक्सीन की मदद से कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सकता है। सर्दियों में फ्लू के मौसम से पहले हुए टीकाकरण के बाद चिंता काफी बढ़ गई है।+