चंडीगढ़। पंजाब इंजीनियिरंग कालेज डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (पेकके शताब्दी समारोह में शिरकत करने के लिए आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द पहुंच रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविन्द और बेटी भी होंगी। पेक प्रशासन ने शताब्दी समारोह को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पेक एल्युमनी और यूटी एडवाइजर धर्मपाल खुद सभी तैयारियों को देख रहे हैं।

बलदेव सेतिया की डायरेक्टर पद पर तैनाती के बाद यह पहला बड़ा इवेंट हैजिसे सफल बनाने के लिए बीते करीब 15 दिनों से पेक प्रशासन दिन रात तैयारियों में जुटा हुआ है। समारोह में नार्थ रीजन की कई जानी मानी हस्तियां भी शिरकत करेंगी। पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहितहरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए पेक में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिस रास्ते से राष्ट्रपति गुजरेंगे वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मंगलवार को होने वाले शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति करीब एक घंटा पेक में रुकेंगे। वह पेक में कम्यूनिटी सेंटर (सेंटेनरी हालके अलावा सेंटेनरी गेटहास्टल ब्लाक और पेक में बनी सेमी कंडक्टर रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद पेक फुटबाल ग्राउंड में वह मेेहमानों को संबोधित भी करेंगे राष्ट्रपति से जुड़ी सिक्योरिटी फोर्स भी सोमवार को ही पेक कैंपस में पहुंच चुकी है।

मेहमानों का कोविड टेस्ट अनिवार्य

मंगलवार को होने वाले पेक के शताब्दी समारोह में करीब 400 मेहमानों के आने की उम्मीद है। इसमें कई वीवीआइपी शामिल हैं। कोविड प्रोटोकाल को देखते हुए 800 लोगों के बैठने की जगह रखी गई हैजिसमें 400 लोगों को ही राष्ट्रपति दौरे के सख्त प्रोटोकाल को देखते हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी मेहमानों और कर्मचारियों का कोविड टेस्ट अनिवार्य है। पेक प्रशासन ने कैंपस में विशेष कैंप लगाकर 250 से अधिक लोगों का आरटी पीसीआर करवाया गया है। देर शाम तक कोविड टेस्ट के लिए मेहमानों को सूचित किया जाता रहा। शताब्दी समारोह के लिए पेक फुटबाल ग्राउंड में जर्मन हेंगर (विशेष पंडालतैयार किया गया है।

लाहौर से 1943 में डिग्री पाने वाले ग्रेवाल भी पहुंचेंगे

शताब्दी समारोह में पेक प्रशासन ने कई एल्युमनी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। 1943 में लाहौर में पेक से इंजीनियिरंग करने वाले पेक एल्युमनी 98 वर्षीय विक्रम सिंह ग्रेवाल को विशेष तौर पर बुलाया है। कार्यक्रम में 1964 में पेक में एरोनाटिकल विभाग शुरू करने वाले प्रोफेसर वीके मल्होत्रा भी पहुंचेंगे। प्रोमल्होत्रा ने एरोनाटिकल विभाग के पहले बैच में 17 इंजीनियर तैयार किए थे। पेक के सभी पूर्व डायरेक्टर प्रोधीरज सांधीप्रो.मनोज दत्ताप्रो.मनोज अरोड़ा आदि को भी बुलाया गया है।

पेक के 100 साल से जुड़ी खास बातें 

  1. पेक की शुरुआत 1921 में लाहौर से हुईजिसके बाद इसे 1947 में रुड़की और 1953 में चंडीगढ़ शिफ्ट किया गया।
  2. 1953 में पंजाब की पहली विधानसभा का सत्र पेक स्थित आडिटोरियम में आयोजित हुआ।
  3. 1964 में पेक पहला ऐसा इंजीनियरिंग कालेज है जिसने 17 ग्रेजुएट एरोनाटिकल इंजीनियर देश को दिए।
  4. 1966 में पेक चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन  गया।
  5. 1982 में अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला एरोस्पेस इंजीनियर के तौर पर डिग्री हासिल की।
  6. यहां 2006 में कल्पना चावला के नाम पर गर्ल्स हास्टल का नाम रखा गया है। 
  7. एरोनाटिकल विभाग की वर्कशाप से लेकर विभाग में कल्पना चावला से जुड़ी यादों के फोटो लगे हुए हैं।
  8. 2003 में पेक को डीम्ड यूनिवर्सिटी का स्टेटस प्राप्त हुआ।
  9. नवंबर 2021 को पेक ने स्थापना के 100 साल पूरे कर लिए।
  10. आज शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द शिरकत करेंगे।

पेक के लिए एतिहासिक दिन

पेक निदेशक प्रोबलदेव सेतिया का कहना है कि पेक के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक दिन होगा। देश के पहले नागरिक इस खास मौके पर हमारे बीच होंगे। कई प्रोजेक्ट का राष्ट्रपति के हाथों उद्घाटन करवाया जाएगा। पंजाब हरियाणा के राज्यपाल सहित कुछ विशेष एल्युमनी भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। शताब्दी समारोह को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

सभी उत्साहित

पेक एक एल्युमनी एवं चंडीगढ़ प्रशासक के एडवाइजर धर्मपाल का कहना है कि पेक कैंपस राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के स्वागत के लिए तैयार है। किसी भी संस्थान के लिए 100 वर्ष पूरे करना बड़ा मौका होता है। पेक स्टूडेंट होने के नाते मेरे लिए भी यह यादगार लम्हे होंगे। कार्यक्रम को लेकर सभी उत्साहित हैं।