नई दिल्ली । खानेपीने की चीजों के साथ महंगा पेट्रोल आपके दिवाली सेलिब्रेशन को बिगाड़ सकता है। क्योंकि इनदिनों फल-सब्जियों , अनाज और खाद्य तेलों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।वहीं रसोई गैस का सिलेंडर हजार रुपये के करीब पहुंच चुका है। इस वजह से लोग त्यौहारों के दौरान खर्च को कंट्रोल करने के बारे में सोचने लगे हैं। इसका असर दिवाली पर होने वाली खरीदारी पर दिख सकता है।बासमती और गैर-बासमती चावल की कीमतें भी बढ़ी हैं। टमाटर और प्याज के बाद अब आलू भी महंगा होने लगा है। कुछ शहरों में टमाटर की कीमतें 100 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं।सब्जी की कीमतों में बढ़ोत्तरी के पीछे की वजह बताते हुए जानकारों ने पिछले दो महीनों में भारी बारिश हुई है। इसका असर प्याज और टमाटर पर पड़ा है। बारिश ने स्टोर में रखे प्याज को नुकसान पहुंचाया है, इसकारण उसकी कीमतें बढ़ रही हैं।"
मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें करीब 50-60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।वहीं नई फसल आने के बाद ही प्याज की कीमतें घटेंगी। नवंबर के तीसरे और चौथे हफ्ते तक नई फसल आने की उम्मीद है। भारी बारिश के चलते नई फसल आने में देर हुई है।वहीं एक अन्य जानकार ने बताया कि देश के दक्षिणी हिस्से में बारिश के चलते प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है। इस वजह से पूरी मांग नासिक से पूरी हो रही है। देश में महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में प्याज का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। गर्मी के प्याज की फसल में इन राज्यों की 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। बंगाल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बारिश के चलते सितंबर में आने वाली आलू की फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे कोल्ड स्टोरेज में रखे आलू पर दबाव बढ़ गया है। इसका नतीजा यह है कि थोक में आलू का भाव 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है। बारिश ने खरीफ फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। इससे चावल का भाव 10-15 फीसदी बढ़ गया है। उधर, महंगे पेट्रोल ने पहले से एक आम परिवार का बजट बिगाड़ कर रख दिया है।
उधर, खाने के तेलों की कीमतें लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। सरसों तेल की औसत कीमत 185 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। मूंगफली तेल 182 रुपये, सोया तेल 155 रुपये और सनफ्लावर तेल 169 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सरकार ने कीमतों में कमी लाने के लिए आयात शुल्क में कमी की थी। लेकिन, इसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ। अब राज्य सरकारें कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए स्टॉक लिमिट तय करने जैसे उपाय अपना रही हैं।
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