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भोपाल । शहर में पौने तीन लाख से ज्यादा लोग ऐसे है, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगाया है। दूसरे डोज का समय बीतने के बावजूद लोगों टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं। यह लापरवाही ऐसे लोगों को भारी पड सकती है। मालूम हो कि राजधानी में टीकाकरण महाअभियान चलाकर और विशेष शिविरों का आयोजन कर जनवरी से सितंबर तक जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व और नगर निगम, ग्रामीण विकास सहित तमाम विभागों के अफसरों ने रात-दिन एक कर पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की शत प्रतिशत प्रथम डोज लगाने का लक्ष्य तो प्राप्त कर लिया, लेकिन अब दूसरी डोज के लिए कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं। भोपाल में ऐसे तीन लाख 78 हजार लोग चिन्हित हुए हैं, जिन्होंने निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी द्वितीय डोज नहीं लगवाई है। सितंबर के अंतिम सप्ताह तक इन्हें द्वितीय डोज लगवा लेनी थी। अब अक्टूबर में यह लक्ष्य रखा गया है कि एक महीने में इन सभी को दूसरी डोज लगा दी जाए। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा इसकी तैयारियां भी कर ली गई हैं। दरअसल, 18 वर्ष से अधिक उम्र के 19.49 लाख लोगों को प्रथम डोज लगाने का लक्ष्य भोपाल में रखा गया था। इस मामले में 19.62 लाख लोगों को प्रथम डोज लगाई जा चुकी हैं, जबकि 10 लाख 25 हजार नागरिकों को टीके की दूसरी डोज लग चुकी है। माह सितंबर में 3 लाख 78 हजार नागरिकों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जानी थी। डाक्टर्स का कहना है कि कोविशील्ड की पहली डोज के 84 दिन और कोवैक्सीन की फर्स्ट डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगवा लेनी चाहिए। इस टाइमलाइन के बाद 14 दिन बाद भी न आने वाले अलर्ट लिस्ट में दर्ज हो जाते हैं और इन 14 दिनों के बाद भी सेकंड डोज न लगवाने वाले ओवरड्यू लिस्ट में शामिल किए जाते हैं।सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने अपील की है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वे अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य संस्था या टीकाकरण केन्द्रों पर जाकर दूसरी डोज अवश्य लगवाएं ताकि उन्हें कोरोना वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्राप्त हो सके। कोरोना वायरस के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित करने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना बहुत जरूरी है।
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