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भोपाल । प्रदेश के दुकानदों को खादय पदार्थों के बिलों पर अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का लायसेंस नंबर लिखना होगा। यह नई व्यवस्था आगामी 01 दिसंबर से लागू हो जाएगी। पूर्व में एफएसएसएआई ने पहले खाद्य पदार्थो के बिलों पर लाइसेंस नंबर एक अक्टूबर से लिखने की अनिवार्यता तय की थी, लेकिन इस संदर्भ में कई कंपनियों द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद अब एफएसएसएआई ने तय किया है कि 01 दिसंबर से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। एफएसएसएआई के प्रदेश मुख्यालय में पदस्थ मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके वर्मा ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य पदार्थों के बिल पर लाइसेंस नंबर लिखने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने का मकसद दरअसल यही है कि बिना लाइसेंस के कोई भी प्रतिष्ठान न रहे। इससे ग्राहकों को घटिया या अमानक खाद्य सामग्री बेचने की प्रवृत्ति पर भी लगाम लगेगी। लोगों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद आसानी से मिल सकेंगे। ऐसे प्रतिष्ठानों की नियमित निगरानी भी एफएसएसएआइ करेगी। इस संबंध में एफएसएसएआइ ने सभी राज्यों के मुख्य खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को निर्देश भेजे हैं। इसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों और कुछ प्रतिष्ठानो ने आपत्ति दर्ज कराई थी, इसके बाद समय आगे बढ़ाया गया है। डीके वर्मा ने बताया कि एफएसएसएआई का मकसद यह है कि है कि छूटे हुए सभी प्रतिष्ठान संचालकों को नए लाइसेंस नंबर जारी किए जाएं और इसके साथ ही पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण भी किया जाए। इसके अलावा सरकारी या निजी अस्पतालों के किचन में बनने वाली खाद्य सामग्री का उपयोग भी किसी अच्छे काम में किया जा सकेगा।उन्होंने बताया कि एक फुलकी बेचने वाला छोटा दुकानदार भी इस दायरे आता है।
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