रायपुर । सेवा समाप्ति से नाराज अस्थाई रूप से कोरोना काल के दौरान पदस्थ किए गए स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा वृद्धि की मांग को लेकर 62 दिन से रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन के 62वें दिन पर स्वास्थ सेवाएं संचानालय का घेराव करने के लिए निकले।
इसके बाद एक टीम को स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड से बात करने के लिए ले गया। वहीं संचालक से वार्ता से अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों का गुस्सा और फूट गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि संचालक ने कहा मैंने और शासन ने तीन माह की भर्ती कर गलती कर बैठे, जिसे मैं अभी भुगत रहा हूं। भले ही लोग मर जाते वह ठीक था। यह निर्णय लेकर मैंने और सरकार ने बहुत बड़ी गलती कर दी। इधर अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि भले की जनता को कोरोना काल के गाल में समा जाती, लेकिन संचालक साहब को कोई फर्क नहीं पड़ता।
चयनित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना के लिए प्रदर्शन
लोकसेवा आयोग की ओर से चयनित सहायक प्राध्यापकों ने जल्द ही पदस्थापना की मांग को लेकर शुक्रवार को बूढ़ा पारा धरना स्थल में प्रदर्शन किया। नव चयनित सहायक प्राध्यापक संघ ने बताया कि परीक्षा का विज्ञापन जनवरी 2019 में आया था। कोरोना महामारी समेत अन्य कारणों की वजह से लगभग तीन वर्ष बीत चुके है। अंतिम चयन सूची 10 अगस्त 2021 को जारी हुआ।
इसमें अधिकांश विषयों का दस्तावेज परीक्षण भी उच्च शिक्षा विभाग ने पूर्ण कर लिया गया है। फिर भी नियुक्ति में विलंब हो रहा है, जिसके कारण मानसिक, आर्थिक तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं। दूसरी ओर कई वर्षों से प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रोफेसरों की कमी है। इससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में असर दिखाई दे रहा है।
*सम्पूर्ण समाचारो के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल होगा समाचार का माध्यम मध्य प्रदेश जनसम्पर्क है
Please do not enter any spam link in the comment box.