सरमेरा | प्रखंड के धनावां काजीचक गांव से होकर गुजरने वाली धनायन नदी में मंगलवार की सुबह स्नान के दौरान चार बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। चारों बच्चियां एक-दूसरे की चचेरी बहनें थीं और अपने सगे भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चारों एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में गहरे पानी में डूब गईं। चारों के शव नदी से निकाल लिए गए हैं। उनके शव नदी किनारे रखे गए हैं। स्वजन मौके पर ही मुआवजे की मांग पर अड़े हैं और पुलिस को शव उठाने नहीं दे रहे हैं। थानाध्यक्ष ग्रामीणों को समझाने में लगे हैं। चारों तरफ चीख-पुकार मची है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध बालू खनन के कारण नदी में जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। बीते दिनों लगातार बारिश के कारण नदी पानी से लबालब है। गड्ढे भी पानी से भर गए हैं। ऐसे में गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल है। चारों बच्चियां भी तैरते हुए ऐसे ही एक गड्ढे तक पहुंच गईं। एक को डूबते देख तीनों बचाने को आगे बढ़ीं परंतु एक-एक कर चारों डूब गईं। नदी की किनारे रहे लोग जब तक चारों को पानी से बाहर निकालते, उनकी मौत हो चुकी थी। मृतकों में सीता कुमारी (12 वर्ष) पिता जर्नादन रविदास, सोनम कुमारी (13 वर्ष) पिता नवल मोची, राखी कुमारी (11 वर्ष) पिता शिवपूजन रविदास तथा सरिता कुमारी (11 वर्ष) पिता कृष्ण मोची शामिल हैं।
सरमेरा थाना क्षेत्र के गौसनगर गांव के समीप मंगलवार की सुबह नोनिमा नदी में डूबने से एक बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। मृतक की पहचान गोपालबाद निवासी 65 वर्षीय राधेश्याम प्रसाद के रूप में की गई। मृतक के पुत्र अखिलेश प्रसाद ने बताया कि वे हर दिन की तरह नदी पार कर पशुओं के लिए चारा लाने गये थे। चारा लेकर लौटने के दौरान नदी की तेज धार में डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ भेज दिया। मृतक अपने पीछे एक पुत्र व दो पुत्री छोड़ गए हैं। इस घटना से गांव में मातम छा गया है।
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