नई दिल्ली । पेगासस जासूसी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इसकी जांच को एक्सपर्ट कमेटी के हवाले कर दिया है। कोर्ट की तरफ से इस तरह का संकेत पहले ही दिया जा चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि लोगों की विवेकहीन जासूसी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए जो एक्सपर्ट कमेटी बनाई है उसकी अगुआई रिटायर्ड आरवी रविन्द्रन करेंगे। कोर्ट ने ये भी माना है कि इस मामले में केंद्र की तरफ से कोई साफ स्टैंड नहीं लिया गया। कोर्ट ने कहा कि निजता के उल्लंघन की जांच होनी जरूरी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप है कि केंद्र सरकार पेगासस स्पाइवेयर के जरिए नागरिकों की जासूसी करवा रहा है। इस मामले की सुनवाई शीर्ष कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एनवी रमन्ना कर रहे हैं। इस मामले में दायर एक याचिका में इसकी जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई थी। 13 सितंबर को कोर्ट ने इस संबंध में कहा था कि वो कुछ दिनों में इस पर अपना फैसला सुनाएगा। 23 सितंबर को कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में फैसला सुनाने में उसको कुछ देरी हो रही है। कोर्ट में दायर कुछ याचिकाओं में कहा गया है कि कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच की जानी चाहिए। पेगासस मामले में जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, इसका इस्तेमाल कथित तौर पर कुछ नेताओं, एक्टिविस्ट और पत्रकारों का फोन टेप करने के लिए किया जा रहा था। केंद्र की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि वो इस मामले में कमेटी का गठन कर रहा है जो पेगासस मामले से जुड़ी सभी चीजों पर गौर करेगा।