भोपाल | राजस्व न्यायालयों में भूमि के नामांकन, सीमांकान, बंटवारा, अभिलेखों में सुधार सहित अन्य प्रकरणों की सुनवाई के लिए आवेदकों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। यदि सुनवाई की तारीख तीस दिन तक नहीं आती है तो रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) से यह स्वत: निर्धारित हो जाएगी। इसकी सूचना संबंधित अधिकारी के साथ आवेदक को भी एसएमएस के माध्यम से मिलेगी।
यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि किसी भी न्यायालय में प्रकरण ज्यादा समय तक लंबित न रहें और अधिकारी कार्यालय में बैठकर नियमित सुनवाई करें। सप्ताह में तीन दिन सुनवाई के लिए अधिकारियों को तय करने होंगे। राजस्व विभाग ने सभी संभागायुक्त और कलेक्टरों को आरसीएमएस पोर्टल की इस व्यवस्था का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
राजस्व विभाग ने पिछले दिनों राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की थी। इसमें यह बात सामने आई थी कि न्यायालयों में नियमित सुनवाई न होने की वजह से छह-छह माह से प्रकरण लंबित हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुराज अभियान प्रारंभ करते हुए सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि आवेदकों की समस्या का समाधान निश्चित समयसीमा में होना चाहिए।
इसके मद्देनजर रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम में आटो केस हेयरिंग की सुविधा शामिल की गई है। इससे पोर्टल में दर्ज प्रकरण की सुनवाई यदि तीस दिन से नहीं हुई है तो कंप्यूटर से स्वत: सुनवाई की तारीख निर्धारित हो जाएगी। इन प्रकरणों की सुनवाई प्रत्येक सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को होगी।
पीठासीन अधिकारी नियमित तौर पर जो जितने प्रकरण सुनते हैं, उन्हें एक निर्धारित संख्या लंबित प्रकरणों की रहेगी। पोर्टल से सुनवाई की तारीख निर्धारित होने के बाद इसकी सूचना पीठासीन अधिकारी और आवेदक को एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। प्रमुख राजस्व आयुक्त संजय गोयल ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रकरणों को पोर्टल पर दर्ज करें और नियमित तौर पर समीक्षा भी करें।
Please do not enter any spam link in the comment box.