काबुल । अफगानिस्तान में बंदूक के दम पर सत्ता में आए तालिबान के साथ दोस्ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान बेचैन दिख रहा है।मॉस्को फॉर्मेट में भारत के साथ तालिबानी नेताओं की मुलाकात के अगले ही दिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी काबुल पहुंच गए हैं।उनके साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद भी पहुंचे हैं।पाकिस्तान को छोड़कर आम तौर पर ऐसा बहुत कम ही देखा जाता है कि किसी देश की विदेश नीति में वहां की सेना से जुड़े लोग इतना सक्रिय भूमिका निभाते हैं। शाह महमूद कुरैशी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी खुद पहुंचे हुए थे। उनके साथ अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान भी स्वागत के लिए मौजूद थे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बताया कि कुरैशी एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ काबुल पहुंचे हैं। काबुल में वे अफगान अधिकारियों और नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा भी करने वाले है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने बताया है कि एकदिवसीय यात्रा के दौरान कुरैशी अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ बातचीत करने वाले है। वे काबुल में तालिबान की अंतरिम सरकार के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करने वाले है। इस बातचीत में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों के संपूर्ण स्पेक्ट्रम को शामिल किया जाएगा।बताया गया है कि पाक विदेश मंत्री क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के मुद्दों पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण को साझा करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा रूस की राजधानी मॉस्को में अफगानिस्तान पर जारी वार्ता के बीच हो रही है। मॉस्को फॉर्मेट नाम की वार्ता में भारत, चीन, पाकिस्तान के अलावा दुनिया के 10 देश शामिल हैं। तालिबान ने एक दिन पहले ही दावा किया था उसने मॉस्को फॉर्मेट के इतर भारत के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की है। तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिज ने कहा था कि भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने की पेशकश की है।
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