जयपुर । मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की वल्लभगढ़ और धरियावद विधानसभा सभा में होने वाले उपचुनाव में एम-3 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। ये मशीनें एम-1 और एम-2 ईवीएम मशीनों की तुलना में मुकाबले कहीं ज्यादा तकनीकी रूप से सुरक्षित होंगी, जोकि पूर्व के चुनावों में इस्तेमाल की जा रही थी।
गुप्ता ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग देश भर में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन कराने का पक्षधर है। यही वजह है कि आयोग चुनाव में काम में ली जाने वाली ईवीएम मशीनों के सुरक्षा पहलुओं पर हमेशा काम करता है। उन्होंने बताया कि एम-3 मशीनों को सबसे पहले 2014 के आम चुनाव में काम में लिया गया था और चरणबद्ध तरीके से अन्य चुनावों में भी इनका इस्तेमाल किया जाता रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एम-3 मशीनें तकनीकी रूप से कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं। ये मशीन स्टैंड अलोन और वन टाइम प्रोग्रामेबल है। इनमें किसी भी तरह की चिप या रेडियो फ्रीक्वेंसी काम नहीं कर सकती है। उन्होंने बताया कि डायनेमिक कोडिंग से युक्त इन मशीनों को प्रत्येक बार दबाने पर दिनांक और समय मुद्रित होता है। इन मशीनों में यूएसडीएम (अनऑथराइज्ड एक्सेस डिटेक्शन मॉड्यूल) तकनीक है, जिससे इन मशीनों को छेडऩे पर ये फैक्ट्री मोड पर आ जाती है। ये मशीनें सेल्फ डायग्नोसिस कर सकती है। इन मशीनों में एक साथ 384 उम्मीदवारों का डाटा-डेटा दर्शाया जा सकता है।श्री गुप्ता ने उदयपुर और प्रतापगढ़ जिला निर्वाचन अधिकारियों को आमजन के बिच इन मशीनों के बारे में विस्तृत प्रचार-प्रसार करने और जानकारी देने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आमजन के मन में किसी तरह की भ्रान्ति ना रहे और निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति विश्वास बना रहे।गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जिले की धरियावद और उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधानसभा सीटों के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना 2 नवंबर को करवाई जाएगी। दोनों विधानसभाओं में कुल 5 लाख 9 हजार 871 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, इनमें 2 लाख 57 हजार 155 पुरुष व 2 लाख 52 हजार 716 महिला मतदाता हैं।
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