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नई दिल्ली । इनकम टैक्स विभाग ने मुम्बई, पुणे, नोएडा, बेंगलुरु में 37 जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाकर केबल मैन्युफैक्चरिंग, रियल स्टेट, टेक्सटाइल, प्रिंटिंग मशीनरीज, होटल्स, लॉजिस्टिक के बिजनेस से जुड़े अलग अलग ग्रुप्स के तमाम दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं। इस सर्च की शुरुआत 30 सितंबर से हुई थी और जांच अभी भी जारी है। इन समूहों/व्यक्तियों ने अपनी बेहिसाब संपत्ति रखने के लिए मॉरीशस, यूएई, बीवीआई, जिब्राल्टर आदि जैसे टैक्स हेवन में स्थित विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों का एक संदिग्ध और जटिल वेब बनाने के लिए दुबई स्थित फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर की सेवाओं का उपयोग किया।
दुबई स्थित फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर द्वारा बनाए गए इन समूहों और व्यक्तियों के बैंक खातों में एक दशक में जमा किए गए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) से अधिक क्रेडिट है। यह रूपये स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया में बैंक खातों में जमा पाए गए थे।
सर्च के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि इन ग्रुप्स द्वारा विदेशों में रखे गए अज्ञात धन का उपयोग विदेशों में बोगस कंपनियों के नाम पर ब्रिटेन, पुर्तगाल, संयुक्त अरब अमीरात आदि जैसे कई देशों में अचल संपत्ति प्राप्त करने के लिए किया गया है। साथ ही विदेशों में डायरेक्टर्स और उनके परिवार के सदस्यों के पर्सनल खर्चों को पूरा करने और उनकी भारतीय कंपनियों में धन वापस करने के लिए किया गया था।
सर्च के दौरान बोगस रसीद, सप्लायर्स के फर्जी बिल, हवाला ट्रांजेक्शन के बारे में अहम सबूत मिले हैं। दफ्तर और घर से 2 करोड़ से ज्यादा का कैश और ज्वेलरी बरामद की गई है और 50 बैंक लॉकर्स को सीज किया गया है। जांच अभी भी जारी है।
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