रायपुर। कोरोना महामारी का सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ा है। राजस्व प्राप्ति में कमी आई है। वहीं, केंद्र सरकार से मिलने वाला राजस्व भी घटा है। केंद्र सरकार से चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के लिए 282 करोड़ रुपये की विशेष सहायता स्वीकृत की है। इसमें से भी अब तक केवल 141 करोड़ रुपये ही मिला है। ऐसे में राज्य सरकार को विकास कार्यों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।राज्य को खाद्य सब्सिडी का 1,024 करोड़ से ज्यादा केंद्र सरकार से लेना है। यह राशि 2019-20 से बकाया है। यह मुद्दा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 28 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने उठाया था। नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के उद्घाटन कार्यक्रम में बघेल ने यह राशि शीघ्र देने का आग्रह किया था।वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार कोरोना की वजह से राज्यों को कठिन वित्तीय स्थिति और राजस्व प्राप्ति में कमी के कारण पूंजीगत व्यय के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 से विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 286 करोड़ और 2021-22 में 282 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
राज्य का पूंजीगत मद में वार्षिक व्यय नौ हजार करोड़ से अधिक होता है। ऐसे में राज्य को विश्ोष केंद्रीय सहायता के अंतर्गत प्राप्त राशि पूंजीगत व्यय का मात्र तीन फीसद है। राज्य में सड़कों के निर्माण के लिए आवश्यक राशि 5,225 करोड़ की व्यवस्था राज्य सरकार को कर्ज लेकर करना पड़ रहा है।
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