रायपुर। छत्तीसगढ़ में वोकेशनल (व्यावसायिक पाठ्यक्रम) पढ़ाई के नाम पर बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आलम यह है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से किताबों की साफ्ट कापी नहीं मिलने से बच्चों को किताबें नसीब नहीं हो पाई हैं। एक तरफ प्रदेश के हर जिले में बच्चों के लिए वोकेशनल कोर्स पढ़ाने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पहले से ही चल रहे वोकेशनल कोर्स के बच्चों को स्कूली शिक्षा सत्र शुरू होने के चौथे माह भी डेढ़ लाख बच्चों को किताबें नसीब नहीं होने से सवाल खड़े हो गए हैं।
समग्र शिक्षा की ओर से संचालित इन कोर्स के लिए छत्तीगसढ़ को केंद्र से 28 करोड़ रुपये मिलते हैं। प्रदेश में 546 स्कूलों में कक्षा नौवीं से 12वीं तक बच्चों को वोकेशनल पढ़ने के लिए विकल्प दिया जाता है, ताकि वे स्कूली शिक्षा के साथ-साथ ही स्वरोजगार या रोजगार के काबिल हो सकें। हर कक्षा में आठ ट्रेड में पढ़ाई हो रही है। ऐसे में सभी कक्षाओं के लिए 32 किताबें अभी तक नहीं छप पाई हैं।
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