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भोपाल । श्योपुर जिले में स्थित कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीते अब जनवरी के आखिर तक आ पाएंगे। पहले इंहें नवंबर में यहां एयर लिपट करने की तैयारी थी। इधर, अंचल में बाढ़ के चलते चीतों के लिए जो बाड़ा बनाया जा रहा था, उसका काम भी दो महीने तक रुका रहा, फेंसिंग भी नहीं हो पाई है।
प्रोजेक्ट में देरी के पीछे ग्वालियर-चंबल संभाग में पिछले दिनों आई बाढ़ और दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय और स्थानीय लोगों के बीच हाल ही में हुई हिंसा एक बड़ी बजह है। पार्क के फील्ड डायरेक्टर सहित 6 अफसरों की टीम को यहां से दक्षिण अफ्रीका प्रशिक्षण के लिए इसी महीने जाना था, लेकिन इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।
चीता आने से पहले फिल्मांकन को लेकर ठनी
प्रदेश में चीते आने से पहले राज्य सरकार और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) आमने सामने हैं। मामला चीते आने के बाद फिल्मांकन अधिकार का है। फिल्म शूटिंग के अधिकार देने के लिए जारी टेंडर को आपत्ति के बाद रद्द कर दिया गया है। अब यह टेंडर नए सिरे से जारी होगा। कूनो में विशेष फिल्मांकन अधिकार देने के लिए शुरुआती बोली 42 लाख रखी गई थी।
इसलिए विवादित हुआ टेंडर
जारी टेंडर के मुताबिक शैक्षिक या अन्य प्रशिक्षण गतिविधियों के लिए शूटिंग का अधिकार सरकार अपने पास रखेगी। कूनों सेंचुरी में चीते आने के बाद एक्सक्लूसिव फिल्मांकन से कूनो का नाम देश के साथ ही विदेश में भी छा जाएगा। वही पर्यटन गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे सरकार को राजस्व मिलेगा। कूनो डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि प्रेजेक्ट में एनटीसीए भी पार्टनर है, इसलिए प्राधिकरण का कहना था, फिल्मांकन के लिए अधिकार देने से पहले सहमति लेनी चाहिए थी। टेंडर के लिए सहमति मांगी है।
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