बात 2001 की है। दुनिया नए मिलेनियम में कदम रख चुकी थी। इससे ठीक 10 साल पहले, 26 दिसंबर 1991 को सोवियत संघ के टूटने की औपचारिक घोषणा के साथ अमेरिका शीतयुद्ध को जीतकर दुनिया की अकेली महाशक्ति बन चुका था।
यह दौर था खालिस अमेरिका का। 1991 का पहला खाड़ी युद्ध हो या यूगोस्लाविया में हुए युद्ध, अमेरिका अपनी अद्वितीय सैन्य ताकत के बूते new world order बनाने में जुटा था। तभी तारीख आई 11 सितंबर 2001 की। अमेरिका के पाले-पोसे मुजाहिद्दीन ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका पर ही दुनिया का सबसे भीषण आतंकी हमला किया। यह 9/11 के नाम से अमेरिकी लोगों के मानस पर हमेशा के लिए छप गया।
दुनिया ने इससे पहले कभी ऐसा आतंकी हमला नहीं देखा था। अमेरिका के तीन हवाई अड्डों से उड़े चार विमानों को ओसामा के ट्रेंड आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। इनमें से बोस्टन से उड़े दो विमानों को मिसाइल बनाकर 18 मिनट के अंतर से मैनहैटन में वर्ल्ड ट्रेड टॉवर्स को उड़ा दिया गया।
वॉशिंगटन डीसी के करीब ड्यूल्स एयरपोर्ट से उड़े विमान को पेंटागन बिल्डिंग के दक्षिण पश्चिम हिस्से में क्रैश करा दिया गया। न्यूजर्सी के न्यूयॉर्क से उड़ान भरने वाला चौथा विमान पेन्सिल्वेनिया के करीब मैदान में क्रैश हो गया। आतंकियों ने इस विमान को हाईजैक कर रखा था, मगर यात्री आतंकियों से भिड़ गए और विमान क्रैश हो गया।
हमला इतना भयावह था कि अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा करने वाले सीक्रेट सर्विस के एजेंट राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को कई घंटों तक एयरफोर्स वन में लेकर अमेरिका के आसमान में उड़ान भरते रहे। इस दौरान F-16 लड़ाकू विमानों को उनकी सुरक्षा में तैनात कर दिया गया।
आज इसी भयावह आतंकी हमले की 20वीं बरसी है। इस मौके पर सीक्रेट सर्विस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट हमले की कई ऐसी तस्वीरें जारी की हैं जो पहले कभी नहीं देखी गई थीं। ये तस्वीरें हमले के दौरान और उसके बाद सीक्रेट सर्विस के कर्मचारियों ने ली थीं।