
मानव अधिकार आयोग में मामला आने पर बोरखेड़ी गांव में नलकूप खनन कराया गया, पेयजल की अब कोई समस्या नहीं है
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में मामला आने पर बैतूल जिले के बोरखेड़ी गांव में अब पेयजल की कोई समस्या नहीं है। गांव की पेयजल व दैनिक निस्तारण हेतु पानी की समस्या का स्थायी निवारण हो जाने पर आयोग में यह मामला अब नस्तीबद्ध कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस बारे में भोपाल के एक दैनिक समाचार पत्र के 03 जून 2021 के अंक में ‘‘20 फीट नीचे कुंए में उतरकर पानी लाती है बेटियां‘‘ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर आयोग द्वारा संज्ञान लिया गया था। जिस पर आयोग द्वारा कलेक्टर बैतूल से प्रतिवेदन मांगा गया था। कलेक्टर बैतूल द्वारा 19 अगस्त 2021 को आयोग को अवगत कराया गया है कि ग्राम बोरखेड़ी की कुल आबादी 405 है। आबादी अनुसार ग्राम को 22275 लीटर प्रतिदिन की आवश्यकता है। ग्राम में एक पंचायती कुंआ स्थापित है। वर्तमान में इस कूप में मोटरपंप स्थापित कर ग्राम में पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में पेयजल हेतु कुल चार हैण्डपंप चालू है। इस हैण्डपंप से लगभग 20,000 लीटर जल ग्रामीणों को प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पी.एच.ई.) विभाग द्वारा 05 जून 21 को विभागीय ड्रिलिंग मशीन द्वारा 150 मि.मी. व्यास का सफल नलकूप खनन किया गया है। जिसकी गहराई 500 फीट एवं जल आवक क्षमता 1800 जीपीएच है। इस नलकूप में विभाग द्वारा सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल आपूर्ति की गई है। वर्तमान में गांव में किसी भी प्रकार की पेयजल एवं पानी की समस्या नहीं है।
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