भोपाल । मध्यप्रदेश में कोरोना संकट काल में भी 11 हजार करोड़ का निवेश आया है। इससे पता चलता है ‎कि प्रदेश पर औद्योगिक जगत के भरोसे में  इजाफा हुआ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद निवेशकों से बात कर रहे हैं। आवश्यकता के अनुसार भूमि उपलब्ध कराई गई। निर्धारित समय सीमा में अनुमतियां देने के लिए कानूनी प्रविधान किए गए। ध्यान इस बात पर दिया गया कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित हों। इसका ही नतीजा है कि कोरोना काल में जब औद्योगिक गतिविधियां ठप थीं तब प्रदेश में बड़ा निवेश आया। इससे लगभग 22 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके भी बनेंगे। निवेश बढ़ने से ईज आफ डूइंग बिजनेस में मध्य प्रदेश सातवें से चौथे स्थान पर आ गया है। मंत्रिमंडल की निवेश संवर्धन समिति की बैठक में निवेश संबंधी प्रस्तावों की निरंतर समीक्षा करने सेे सभी जरूरी अनुमति समय पर जारी हो जाती हैं। यही वजह है कि औद्योगिक जगत ने मुख्यमंत्री के वादों पर भरोसा जताया। उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला का कहना है कि प्रदेश में सीमेंट, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग, गारमेंट और टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में वर्ष 2020-21 में विभिन्न् समूहों को औद्योगिक क्षेत्रों में 384 भूखंड आवंटित किए गए। वर्ष 2019-20 में यह संख्या 258 थी। इसी तरह विभिन्न् कंपनियों को 840 एकड़ भूमि आवंटित की गई। वर्ष 2019-20 में 632 एकड़ भूमि का आवंटन ही हुआ था। गोकुलदास एक्सपोर्ट (गारमेंट निर्माता) प्रबंध संचालक शिवराम कृष्ण गणपति का कहना है ‎कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान सहित कई देशों में हमारे उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। उद्योग विस्तार की योजना को लेकर कई राज्यों से बातचीत की थी पर मध्य प्रदेश जैसा वातावरण कहीं नहीं मिला। मध्य प्रदेश शासन के सहयोग और विकसित हुए परस्पर विश्वास के आधार पर ही यहां निवेश किया जा रहा है। बेस्ट ग्रुप (गारमेंट निर्माता) के प्रोजेक्ट हेड धीरन एच. मालानी का कहना है ‎कि मध्य प्रदेश में मानव संसाधन सहज उपलब्ध है। सभी सुविधाएं एक मंच पर मिल रही हैं। हमने अभी 60 करोड़ रुपये का निवेश किया है। पांच सौ करोड़ रुपये का निवेश और कर रहे हैं। इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है ‎कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रोजगार है। निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में औद्योगिक विकास और औद्योगिक निवेश की गति को तेज किया गया है।