MP NEWS - इसी महीने आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, इससे निपटने प्रशासन ने की तैयारी तेज
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MP NEWS - इसी महीने आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, इससे निपटने प्रशासन ने की तैयारी तेज

MP NEWS - इसी महीने आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, इससे निपटने प्रशासन ने की तैयारी तेज  


भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासन ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तेज कर दी है. ऑक्सीजन की कमी ना हो, इस पर खास ध्यान दिया जा रहा है. भोपाल के 15 अस्पतालों में हवा से 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तैयार की जाएगी. करीब 700 मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा. आगामी एक सितंबर से इन सभी 15 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे. 

बच्चों को ज्यादा खतरा-

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इसमें बच्चों को ज्यादा खतरा हो सकता है. यही वजह है कि भोपाल प्रशासन द्वारा बच्चों के इलाज के लिए 200 आईसीयू ऑक्सीजन बेड तैयार किए जा रहे हैं. साथ स्टाफ को भी बेहतर प्रशिक्षित किया जा रहा है. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सरकारी अस्पताल के अधीक्षकों और निजी अस्पताल के संचालकों के साथ तैयारियों को लेकर समीक्षा की. इस दौरान बच्चों के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करने के निर्देश दिए गए. 

राजधानी भोपाल में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए 9500 बेड बढ़ाए गए हैं. इसमें 2500 आईसीयू बेड शामिल हैं. 

तीसरी लहर इस महीने दे सकती है दस्तक

विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि कोरोना की तीसरी लहर इस महीने ही दस्तक दे सकती है. वहीं अक्टूबर में यह अपने चरम तक जा सकती है. दरअसल ब्लूमबर्ग ने आईआईटी हैदराबाद और कानपुर के विशेषज्ञों के हवाले से यह दावा किया है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि यह दूसरी लहर की तरह ही खतरनाक हो सकती है. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में कोरोना के रोजाना 4 लाख के करीब मामले रोजाना सामने आए थे. महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के बढ़ते मामले इस आशंका को मजबूती दे रहे हैं.  

वैक्सीन उत्पादन में आएगी तेजी

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए भारत सरकार ने वैक्सीन उत्पादन में भी तेजी लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके लिए भारत ने हाल ही में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की बनाई वैक्सीन के भारत में आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 85 फीसदी तक कारगर बताई जा रही है. भारत में फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई इसकी सप्लाई करेगी. देश में अभी कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान में अभी तक देश की 11 फीसदी आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं. 

Source https://bit.ly/3xHiSrj

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