कोरोना महामारी को लेकर 18 महीने बाद मध्यप्रदेश के लिए खबर राहत भरी हो सकती है। IIT कानपुर के पद्मश्री प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि यहां कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अब ना के बराबर है। उन्होंने इसकी मुख्य वजह बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन होना बताया है। गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर उन्होंने यह दावा किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार कम हो रही है। मध्यप्रदेश के अलावा यूपी, बिहार और दिल्ली जैसे राज्य अक्टूबर तक कोरोना से लगभग फ्री हो सकते हैं।
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि ICMR की सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के बाद लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। सर्वे में मध्यप्रदेश में यह जून में 77% थी, जो अगस्त में बढ़कर 80% से ज्यादा पाई गई है। यह देश में सबसे ज्यादा है।
हालांकि प्रोफेसर का कहना है कि इसका यह मतलब कतई नहीं है कि हम सचेत न रहें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन, तो फिर भी करना ही पड़ेगा।
अक्टूबर तक देश में 15 हजार एक्टिव केस
प्रो. अग्रवाल ने स्टडीज में कहा है कि मध्यप्रदेश, बिहार, यूपी, और दिल्ली में अक्टूबर तक कोरोना केस इकाई अंक तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक देश में एक्टिव केस करीब 15 हजार रहेंगे। इसकी वजह तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, असम, अरुणाचल प्रदेश समेत अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में संक्रमण की मौजूदगी रहेगी।
वैक्सीनेशन की बड़ी भूमिका
प्रो. अग्रवाल कोरोना महामारी के दौरान अपनी स्टडीज के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारों को अलर्ट करते रहे हैं। उनका दूसरी लहर का दावा काफी हद तक सही साबित हुआ। उन्होंने कहा है कि कोरोना कर्फ्यू और वैक्सीनेशन का काफी लाभ होता दिख रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अधिकतर लोगों में इम्युनिटी बन गई है। यह भी महामारी को रोकने में कारगर रहेगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में वैक्सीन के 4 करोड़ डोज लग चुके हैं।
दूसरी लहर की तुलना में कम गंभीर
अग्रवाल ने इससे पहले जुलाई में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा था कि यदि कोरोना का कोई नया म्यूटेंट आता है तो तीसरी लहर तेजी से फैल सकती है, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में आधी होगी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वैक्सीनेशन अभियान आगे बढ़ेगा, तीसरी या चौथी लहर की आशंका कम होगी।
अग्रवाल की रिपोर्ट पर ही सरकार ने तैयारी की
प्रोफेसर अग्रवाल ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को लेकर जून में जारी हुई विस्तृत रिपोर्ट के अधार पर ही मध्यप्रदेश सरकार तैयारी कर रही है। पिछले दिनों कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष प्रजेंटेशन भी दिया था। यही वजह है कि मुख्यमंत्री वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं।
वैक्सीनेशन से भर्ती होने के मामलों में कमी
अग्रवाल ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम हो सकते हैं। उन्होंने रिपोर्ट में ब्रिटेन का उदाहरण दिया है। जहां जनवरी में 60 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा 1200 था। हालांकि चौथी लहर के दौरान यह संख्या घटकर 21 हजार रह गई और केवल 14 मौत हुईं। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाले मामलों को कम करने में वैक्सीनेशन ने प्रमुख भूमिका निभाई।
केंद्र के एक्सपर्ट पैनल का अनुमान बिल्कुल उलट
केंद्र सरकार के एक्सपर्ट पैनल के अनुमान से प्रो अग्रवाल का दावा बिल्कुल उलट है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के तहत गठित एक्सपर्ट पैनल ने तीसरी लहर की चेतावनी दी है। बताया जा रहा है कि तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास पीक पर पहुंच सकती है। कमेटी ने इस दौरान बच्चों के लिए बेहतर मेडिकल तैयारी की जरूरत पर जोर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे को भी बड़ों के समान ही खतरा है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दी है, लेकिन इसमें राज्यों को लेकर अलग से किसी अध्ययन का उल्लेख नहीं है।
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