नई दिल्ली: टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में भारत (India)  को पहला मेडल मिल गया है. टेबल टेनिस (Table Tennis) प्लेयर भाविना पटेल (Bhavina Patel) मेडल जीता है. वो फाइनल में 3-0 के अंतर से हारकर गोल्ड जीतने से चूक गईं.

चीन की खिलाड़ी से हारीं भाविना
टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) के टेबल टेनिस वीमेंस सिंगल्स क्लास 4 (Table Tennis Women's Singles Class 4) के फाइनल में भाविना पटेल (Bhavina Patel) को चीन (China) की जोउ यिंग (Zhou Ying) ने 7-11, 5-11, 6-11 से मात दी. 

भारत को मिला पहला मेडल
टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) गेम्स में ये भारत का पहला मेडल है. भाविना ने पहले गेम में झाउ यिंग को अच्छी टक्कर दी लेकिन चीन की 2 बार की गोल्ड मेडल विनर ने एक बार लय हासिल करने के बाद भारतीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और सीधे गेम में आसान जीत दर्ज की

वित्त मंत्री ने दी बधाई
भारत की वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भाविना पटेल (Bhavina Patel) को मुबारकबाद दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, भाविना को पैरालंपिक के टेबल टेनिस (Table Tennis) इवेंट में सिल्वर मेडल (Silver Medal) जीतने की बधाई. आपकी दृढ़ता और सफलता कई लोगों के लिए प्रेरणा बनेगी.' 

राहुल गांधी ने की सराहना
कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी भाविना पटेल (Bhavina Patel) को बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'भाविना पटेल को सिल्वर जीतने के लिए मुबारकबाद. भारत ने आपकी कामयाबी की सराहना करता है. आपने देश को गौरवान्वित किया है.'

बचपन में हुईं पोलियो की शिकार
1 साल की उम्र में पोलियो की शिकार हुई भाविनाबेन पटेल (Bhavina Patel) ने कहा, ‘मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती. मुझे हमेशा से यकीन था कि मैं कुछ भी कर सकती हूं और मैने साबित कर दिया कि हम किसी से कम नहीं है और पैरा टेबल टेनिस भी दूसरे खेलों से पीछे नहीं है.’ 

4 बजे उठकर करती हैं योग
भाविनाबेन ने कहा,‘मेरा दिन सुबह 4 बजे शुरू हो जाता है और मैं ध्यान तथा योग के जरिए मानसिक एकाग्रता लाने की कोशिश करती हूं. मैचों के दौरान कई बार हम जल्दबाजी में गलतियां करते हैं और प्वाइंट्स गंवा देते हैं लेकिन मैंने अपने इमोशन पर कंट्रोल रखा.’

कोच का शुक्रिया
भाविनाबेन ने कहा,‘मैं अपने कोचेज का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जिन्होंने मुझे तकनीक सिखाई. उनकी वजह से ही मैं यहां तक पहुंच सकी. भारतीय खेल प्राधिकरण, टॉप्स, पीसीआई, सरकार, ओजीक्यू, नेत्रहीन जन संघ, मेरे परिवार को भी मै धन्यवाद देती हूं.’