पसीने से सींच कर किया बंजर पहाड़ी का कायाकल्प
Type Here to Get Search Results !

पसीने से सींच कर किया बंजर पहाड़ी का कायाकल्प

 मुँह पर मास्क और दो गज की दूरी कोरोना को खत्म करने के लिए है जरूरी

पसीने से सींच कर हरा भरा किया पितृ पर्वत

महात्मा गांधी नरेगा योजना से हुआ बंजर पहाड़ी का कायाकल्प 



भोपाल : मंगलवार, जून 15, 2021

 

महात्मा गांधी नरेगा के तहत खरगौन जिले की ग्राम पंचायत दाऊद खेड़ी स्थित पितृ पर्वत पर श्रमिकों ने कड़ी मेहनत करते हुए इसे केवल हरा-भरा किया, बल्कि गाँव में विकास के नये द्वार भी खोल दिये। गाँव के 250 मजदूरों को 11 हजार 300 मानव दिवस रोजगार उपलब्ध करवाया गया। जिसमें पाँच हेक्टेयर क्षेत्र की इस पहाड़ी में 3525 पौधरोपण, 4780 कंटूर ट्रेन्च, 5100 कैटल प्रोटेक्शन ट्रेन्च एवं 70 से अधिक लूज बोल्डर ट्रेन्च के कार्य किए गए। इन कार्यों से पर्यावरण सुधार के साथ 6 करोड़ लीटर वर्षा जल का संचयन हो रहा है। गाँव के 170 किसानो की 200 हैक्टेयर जमीन को इसका लाभ मिल रहा है। खरगौन जिले के भूजल संरक्षण इकाई के अनुसार इस कार्य से इलाके के भूजल स्तर में एक मीटर की बढ़ोत्तरी हुई है।

पितृ पर्वत दिया गया नाम



मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन श्री गौरव बैनल ने बताया कि इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को भावनात्मक रूप से इस सामाजिक कार्य से जोड़ा गया है। यहाँ के ग्रामीण अपने पूर्वजों की यादों में विशेष दिन जैसे जन्म दिन, पुण्य तिथि, वर्षगांठ आदि में इस पर्वत में पौधरोपण करते हैं और उन पौधों की देख-रेख भी करते हैं। स्थानीय लोग यहाँ बरगद, पीपल, नीम, करंज, सीताफल, बांस, सप्तपर्णी, आम एवं अमरुद के पौधे लगा रहे हैं। इस कारण इस पर्वत को पितृ पर्वत का नाम दिया गया है।

अथक प्रयास एवं विशेष योजना



दाऊद खेड़ी गाँव स्थित यह पहाड़ी पहले बंजर हुआ करती थी। लगभग डेढ़ साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से इसके कायाकल्प का निर्णय लिया गया। इस बंजर भूमि पर पौधों को जीवित रखना बेहद मुश्किल काम था। इसके लिए गड्ढे खोदकर उपजाऊ मिट्टी डाली गई, ड्रिप तकनीक के जरिए पौधों को पानी दिया गया। यही वजह है कि चिलचिलाती धूप और गर्मी में भी सभी पौधे बड़े होकर लहलहा रहे हैं।

कोरोना काल में मजदूरों के लिए मनरेगा बनी बड़ी सहारा

कोरोना काल के दौरान पहाड़ी में मनरेगा अन्तर्गत चले इन कामों ने मजदूरों के लिए संजीवनी का काम किया है। कोरोना काल के दौरान इस काम में दाऊद खेड़ी गाँव के 250 से अधिक मजदूरों को रोजगार मिला है। पितृ पर्वत में मजदूरी का काम करने वाले श्री गोरालाल बताते हैं कि लॉकडाउन में यह काम नहीं चलता तो हमें घर चलाना मुश्किल हो जाता।

जल संरक्षण के लिए पहाड़ी बनी बड़ा आधार

रुपा रेल नदी के पुनर्जीवन में भी यह पहाड़ी मील का पत्थर साबित हो रही है। इस पहाड़ी के कारण दाऊद खेडी गाँव में पीने के पानी की समस्या खत्म हो गई है। यहाँ के बंद हैण्डपम्पों से पानी आने लगा है। पहले लोगों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था। दाऊद खेड़ी गाँव के लोग अब गर्मी में भी फसल ले पा रहे हैं। पहले एक ही फसल ले पाते थे। अब 2 से 3 फसल ले रहे हैं।

पिकनिक स्पॉट के रूप में किया गया विकसित

पानी और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए यहाँ पेंटिग्स बनाई गई हैं। विश्राम के लिए हट तैयार किए गए हैं। बच्चे यहाँ पिकनिक और ग्रामीण सुबह-शाम सैर के लिए आते हैं। यहाँ ग्रामीणों के लिए योगा क्लासेस भी चालू की गई है। इस पहाड़ी से लोगों का दिली रिश्ता जुड़ने लगा है।



आर.एस.मीना

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------