आपने कभी करिज्मैटिक मेगाफॉना के बारे में पढ़ा या सुना होगा, जिसका इस्तेमाल जानवरों की विभिन्न प्रजातियों और उनके आकर्षण के लिए किया जाता है। जैसे- बंगाल टाइगर, अफ्रीकी लॉयन, पांडा या पेंगुईन। इन करिश्माई प्रजातियों का इस्तेमाल पर्यावरण कार्यकर्ता लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए भी करते हैं, क्योंकि वे लोगों की भावनाओं को आकर्षित करने वाले होते हैं। ऐसा ही कुछ वैज्ञानिकों के साथ भी होता है। खास तौर पर वनस्पति वैज्ञानिक। उन्हें रिसर्च के लिए खूबसूरत और रंगबिरंगे फूल आकर्षित करते हैं।
यह खुलासा इटली की ट्यूरिन यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में हुआ है। यूनिवर्सिटी के प्रो. मार्टिनो एडमो ने इसे करिश्माई मेगाफ्लोरा नाम दिया है। रिसर्च में कहा गया है कि जिस तरह खूबसूरत फूल कीट-पतंगों को आकर्षित करते हैं, वैसे ही वनस्पति वैज्ञानिक भी हल्के रंगों वाले फूलों के बजाय गहरे रंगों के और सुंदर फूलों के प्रति आकर्षित होते हैं। प्रो. एडमो कहते हैं, ‘उनकी सबसे ज्यादा दिलचस्पी फूलों के रंग को लेकर होती है। नीले, पीले और सफेद फूल उन्हें ज्यादा पसंद हैं। जैसे नीले रंग का जेंटियाना लिगुस्टिका या पीले रंग का ट्रम्पेट जेंटियन।’
प्रो. एडमो ने ट्यूरिन यूनिवर्सिटी के पास पहाड़ों पर एक प्रयोग भी किया। उन्होंने रिसर्च टीम से वहां मौजूद 113 तरह के फूलों को लेकर सर्वे किया। ज्यादातर ने उन फूलों को पसंद किया जो सुंदर थे साथ ही ऊंचे तने पर लगे हुए थे।
45 साल में 280 से ज्यादा रिसर्च के अध्ययन के नतीजे
प्रो. एडमो की टीम ने 1975 से अब तक प्रकाशित 280 से ज्यादा रिसर्च पेपर्स का विश्लेषण किया। उन्होंने इसे तीन हिस्सों में बंटा- मिट्टी की अम्लता या नमी, दुर्लभता और सौंदर्य। इनके विश्लेषण से पता चला कि सबसे ज्यादा रिसर्च सुंदर फूलों पर हुई।
Please do not enter any spam link in the comment box.