मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की निजी चिकित्सकों से चर्चा
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की निजी चिकित्सकों से चर्चा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की निजी चिकित्सकों से चर्चा

संक्रमण नियंत्रण, उपचार संबंधी व्यवस्थाओं पर सुझाव प्राप्त किए


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के साथ आज वीडियो कॉन्फ्रेंस कर संक्रमण नियंत्रण, उपचार और वैकल्पिक व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि संक्रमण की गति में स्थिरता आई है। सबके सहयोग से शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की सम्भावना है। राज्य सरकार औषधियों और ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। ऑक्सीजन के खाली सिलेंडरों को एयर लिफ्ट कर भेजा जा रहा है। बोकारो से ऑक्सीजन रेल भी आने वाली है। दस हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन भी आज प्राप्त हो रहे हैं, जिनको हवाई जहाजों से वितरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह संकट की घड़ी चुनौती पूर्ण है। समन्वय और पारम्परिक सहयोग के साथ कार्य करते हुए चुनौती का सामना किया जा सकता है। यह जरूरी है कि उपचार की गाइड लाइन, ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग का एक निश्चित प्रोटोकॉल तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि रोगियों को दूसरे चिकित्सालयों में रेफर करने का कार्य पूरी गंभीरता और सावधानी के साथ किया जाए। यदि रोगी को अन्यत्र भेजना आवश्यक हो तो उसे उचित मेडिकल सपोर्ट के साथ ही भेजा जाए। इसके साथ ही मरीजों के परिजनों की बड़ी संख्या को सख्ती के साथ रोका जाए। साथ ही परिजनों के लिए चाय, नाश्ते की व्यवस्था सहित बैठने की व्यवस्था अस्पताल से दूर करा दी जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के द्वारा किल-कोरोना-2 अभियान में घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण में सर्दी जुकाम के रोगियों के प्राथमिक उपचार के रूप में कौन सी दवाएँ दी जा सकती हैं। टेली-मेडिसन की क्या भूमिका हो सकती है, इस संबंध में सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि सेवा कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए, इसके लिए पारदर्शिता पर भी ध्यान दिया जाए। इलाज की दरों का दर्शनीय डिसप्ले की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोरोना पर विजय टीम के रूप में कार्य करके प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा विडियो कॉन्फ्रेंस में संक्रमण रोकने के प्रयासों के संबंध में निजी चिकित्सकों से सुझाव भी प्राप्त किए। चर्चा में भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल के डॉ. अजय गोयनका, जे.के. हॉस्पिटल के डॉ. रूपेश जैन, नेशनल हॉस्पिटल के डॉ. प्रद्युमन पांडे तथा नर्मदा अस्पताल के डॉ. राजेश शर्मा, इंदौर के एसएआईएमएस हॉस्पिटल के डॉ. रवि दोषी, बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ. मनीष जैन, एमवाई हॉस्पिटल के डॉ. दीपक बंसल, ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. प्रियमवद भसीन और डॉ. पूणेंद्र भसीन, जबलपुर सिटी हॉस्पिटल के डॉ. प्रदीप पटेल, स्वास्तिक हॉस्पिटल के डॉ. सुरेश पटेल, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज के डॉ. जितेंद्र भार्गव, उज्जैन के आर.डी. गार्डी हॉस्पिटल की डॉ. आरती जुल्का, देवास अमलतास मेडिकल कॉलेज के डॉ. सोंगरा, श्रीवास्तव नर्सिंग होम बालाघाट के डॉ. एस.के. श्रीवास्तव और बैतूल संजीवनी अस्पताल के डॉ. योगेश पंडगरे और गोवर्धन अस्पताल के डॉ. राठी ने भाग लिया।


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