एमडीयू में ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया को लेकर आ रही दिक्कतों के चलते लगातार केसों की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को भी एक नया केस एलएलबी से दाखिला किया गया है। इस मामले में दोनों जगह आवेदक की ओर से आवेदन किया गया था, लेकिन उसे दाखिला नहीं मिल पाया है। एडवोकेट एसपी धनखड़ ने बताया कि स्मृति गोयल बनाम एमडीयू के केस में एमडीयू को जवाब फाइल करने के लिए समय दिया गया था। अब इसके लिए जवाब दाखिल करने के लिए 14 सितंबर की तारीख लगी है।
एक केस आया, दोनों जगह ही आवेदन किया था
इसके अलावा एडवोकेट अनीश ओहल्याण ने बताया कि गुरुग्राम से भी एक केस आया है। इसमें एलएलबी के लिए आवेदक ने एमडीयू और गुरुग्राम कैंपस में दोनों जगह ही आवेदन किया था। इसमें भी 14 तारीख ही लगी है। वहीं आवेदक इप्शिता केस में दस्तावेज एमडीयू में जमा करवाने की बात कही थी। आवेदक ने अपने दस्तावेज जमा करवा दिए हैं। इस मामले में इनसो प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि स्टूडेंट्स की ओर से लगातार केस किए जा रहे हैं।
अधिकतर केस में दस्तावेजों को वेटेज ना देने पर ही समस्या बनी है। ऐसे में अब काफी स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जो कोर्ट के दरवाजे तक नहीं आ सकते। ऐसे में एमडीयू को इस मामले में स्वत: संज्ञान भी ले सकता है, ताकि एक ही तरह के केस में सभी विद्यार्थियों को रिलीफ मिल सके। चूंकि वेटेज को लेकर ही दिक्कत बनी हुई हैं।
फीस सब्मिट नहीं होनी चाहिए थी : प्रदीप
इनसो प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ने कहा कि एमडीयू के प्रोस्पेक्टस में साफ दर्ज किया गया है कि जब तक आपका फार्म ऑनलाइन पूरा नहीं होगा, तो फीस का लिंक व विकल्प नहीं मिलेगा। जबकि अधिकतर केस ऐसे हैं जिनके फार्म तो अधूरे रहे और उनकी फीस भी ले ली गई।
ऐसे ही प्रीति बनाम एमडीयू के केस में भी एनएसएस के दस्तावेज को एनएसएस स्टेट कोआर्डिनेटर के कहने पर मान्य कर लिया गया है। जबकि एमडीयू चाहती तो अपने कोआर्डिनेटर से भी इसकी पहले ही पुष्टि करवा लेती तो आवेदकों को परेशानी नहीं आती।
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from KAPS Krishna Pandit
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