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किसान संगठन प्रतिनिधियों ने लघु सचिवालय में चल रहे पीटीआई आंदोलन को समर्थन दिया है। उन्होंने डीसी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। इसमें बर्खास्त शारीरिक शिक्षक अध्यापकों की बहाली की मांग की गई। नेतृत्व अखिल हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप धनखड़ ने किया।
भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष प्रताप चिल्लर रणधीर चिल्लर, भूमि बचाओ संघर्ष समिति से डॉ. शमशेर सिंह, पूर्व सरपंच शमशेर खत्री, सुखबीर सिंह, अशोक कुमार आदि किसान नेताओं ने धरने को संबोधित किया। उन्होंने बरोदा उपचुनाव में शिक्षकों के निलंबन के मुद्दे पर प्रचार के लिए सहयोग और जागरण टीमों का गठन किया।
हरियाणा के सभी किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य नोटिफिकेशन, शामलात भूमि संरक्षण नोटिफिकेशन गांव बचाओ-किसान बचाओ नारे पर बरोदा उपचुनाव में सत्ता के सामने चुनौती रखी है। यदि सरकार समय रहते किसान व देहात की अस्तित्व के कानून लागू नहीं करते तो बरोदा के किसानों और मतदाताओं के साथ मिलकर प्रदेश के सभी वर्गों के आंदोलन प्रतिनिधि सरकार के विरुद्ध जन आंदोलन प्रचार करेंगे। भाजपा को हराने का काम करेंगे।
1983 अध्यापकों के लिए विशेष कैडर बनाने की मांग
किसान नेता प्रदीप धनखड़ ने अध्यापकों से भाजपा, इनोलाे और कांग्रेस राजनीतिक पार्टियों के सिलेक्शन बोर्ड के दोस्त को छुपाकर अध्यापकों के रोजगार पर राजनीति करने की कठोर शब्दों में निंदा की। ज्ञापन में सर्वोच्च न्यायालय फैसले के गुण दोष आधार को छोड़कर सरकार से नए सिरे से 1983 अध्यापकों के लिए विशेष कैडर बनाकर अनुबंध आधार पर निर्मित किए जाने की गुहार लगाई है। धरना पर बैठे शिक्षकों के कार्यकाल के दौरान उनके परिवार और शिक्षकों को जीवनयापन मुआवजा जारी किया जाए।
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